नई दिल्ली| वर्ष 2001 के संसद हमले में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि देश उस कायराना हमले के साथ-साथ उन लोगों को भी कभी नहीं भूलेगा, जिन्होंने देश की संसद की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। एक ट्वीट में, प्रधान मंत्री ने कहा, “हम 2001 में इस दिन अपनी संसद पर कायरतापूर्ण हमले को कभी नहीं भूलेंगे। हम उन लोगों की वीरता और बलिदान को याद करते हैं जिन्होंने हमारी संसद की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। भारत हमेशा उनके प्रति आभारी रहेगा।”
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने ट्वीट किया, ”
देश आज उन वीर शहीदों को याद कर रहा है, जिन्होंने 2001 में इस दिन संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। हमारे लोकतंत्र के मंदिर के रक्षकों के महान बलिदानों की याद करते हुए, हम आतंक को हराने के अपने संकल्प को मजबूत करते हैं।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा कि देश ऐसे सुरक्षाकर्मियों की वीरता को हमेशा याद रखेगा। सिंह ने कहा, “मैं उन सभी बहादुर सुरक्षाकर्मियों की वीरता को सलाम करता हूं, जिन्होंने 2001 में इस दिन संसद पर आतंकवादी हमले का सामना करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, “मैं ‘मां भारती’ के उन वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने 2001 में संसद पर हुए कायराना आतंकवादी हमले में सर्वोच्च बलिदान दिया था। एक कृतज्ञ राष्ट्र आपके अमर बलिदान के लिए हमेशा ऋणी रहेगा।”
पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने 13 दिसंबर, 2001 को भारतीय संसद पर हमला किया था। इस हमले में आठ सुरक्षाकर्मियों सहित नौ लोग मारे गए थे। सभी पांच आतंकवादियों को भी सुरक्षाबलों ने मार गिराया था।
–आईएएनएस
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