इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली पुलिस जो अब खुद को ‘दिल की पुलिस’ कहने लगी है वह भ्रष्टाचार और अपराध भी दिल खोल कर करने लगी है। दिल्ली के दिल कनाट प्लेस में भी ‘दिल से सेवा’ का दावा करने वाली नई दिल्ली जिला पुलिस दिल खोल कर वसूली करती है।
पुलिस कमिश्नर सच्चिदानंद श्रीवास्तव के दफ्तर ‘पुलिस मुख्यालय’ और नई दिल्ली जिला के डीसीपी एवं पुलिस प्रवक्ता डा.ईश सिंघल और एसीपी के दफ्तर की नाक के नीचे स्थित कनाट प्लेस में यह सब हो रहा है।
ठिया/ दुकान लगाने के पचास हजार-
सीबीआई ने 12 जनवरी को कनाट प्लेस थाने के हवलदार अजीत शर्मा को 25 हजार रुपए रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया। हवलदार अजीत की ओर से रिश्वत लेते हुए अग्रवाल नामक दुकान के मालिक लाला को गिरफ्तार किया गया। उसके बाद हवलदार अजीत शर्मा और उसके एक अन्य साथी राकेश गुप्ता को भी गिरफ्तार किया गया। इस मामले में कनाट प्लेस थाने के सिपाही विनीत कुमार की भूमिका की जांच की जा रही हैं। विनीत ने शिकायतकर्ता पंकज को हवलदार अजीत को रिश्वत देने के लिए कहा था।
सीबीआई के अनुसार कनाट प्लेस के ई ब्लाक में पंकज कुमार ठिया/ फट्टा लगा कर मोबाइल फोन के कवर बेचता है। पंकज ने सीबीआई में हवलदार अजीत शर्मा के खिलाफ 11 जनवरी को शिकायत दर्ज कराई। पंकज के अनुसार मई 2020 में हवलदार अजीत ने उसकी दुकान हटवा दी थी। 9 जनवरी को हवलदार उसके पास आया और दुकान लगाने देने के एवज में उससे पचास हजार रुपए रिश्वत मांगी। उसने इतनी रकम देने में असमर्थता जताई तो हवलदार पच्चीस हजार रुपए लेने पर मान गया।
पंकज के अनुसार हवलदार ने कहा कि पच्चीस हजार रुपए देने के बाद वह आराम से अपनी दुकान लगा सकता है उसे कोई तंग नहीं करेगा। दुकान शुरू करने के बाद उसे 6 हजार रुपए महीना भी देना होगा।
सीबीआई ने इस शिकायत में लगाए गए आरोपों की स्वतंत्र गवाह की मौजूदगी में पुष्टि की।
हवलदार गिरफ्तार-
शिकायतकर्ता पंकज की मोबाइल फोन पर हुई बाचतीत भी रिकार्ड की। जिसके बाद हवलदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे पकडऩे की योजना बनाई गई। हवलदार अजीत के कहे अनुसार पंकज ने 12 जनवरी को रिश्वत के पच्चीस हजार रुपए दुकानदार लाला को दिए। सीबीआई ने हवलदार अजीत शर्मा, लाला और एक अन्य राकेश गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।
सीबीआई ने हवलदार अजीत शर्मा और पंकज के बीच हुई जो बातचीत रिकार्ड की उसके मुख्य अंश से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिल्ली के दिल कनाट प्लेस में दिल की पुलिस कितनी दिल खोल कर वसूली करती है।
6 हजार रुपए मंथली देनी होगी –
पंकज- हवलदार से पच्चीस हजार कल ले लेना।
हवलदार-वहां रख देना।
पंकज- कहां पर सर।
हवलदार- लाला के पास।
पंकज- लाला के पास… अग्रवाल के पास.., मैं आपकी बात करवा दूंगा देते समय।
हवलदार- तू बस चुपचाप रख आइयो वहां जा के,बताना भी नहीं कि क्या है पैकेट में,ये बता दियो कि अजीत भाई को दे दियो,बात खत्म।
पंकज- ठीक है।
हवलदार- ठीक और सुन मंथली भी दियो।
पंकज- मंथली के 6 और आपके वो 19 मिला कर पच्चीस दे दूंगा। ठीक है सर,ठीक है बडे साहब।
हवलदार- ये बता मंथली और वो दोनों मिला के पच्चीस ?
पंकज- आपने पच्चीस बोले थे पच्चीस ही दूंगा।
हवलदार- मैने पच्चीस बोले थे उसके, तू मंथली भी मिला रहा है इसमें।
पंकज- देख लो गरीब आदमी हूं मैं पच्चीस दे दूंगा।
हवलदार- पच्चीस इसके और मंथली बाद मेंं।
हवलदार अजीत को निलंबित कर दिया गया है।
वसूली कमाई का बड़ा जरिया –
पुलिस में वसूली का बोलबाला है पुलिस की कमाई का बड़ा जरिया सड़कों पर मौजूद अतिक्रमण हैं। रेहडी, पटरी, अवैध पार्किंग, कारों की सेल परचेज,वाहनों की मरम्मत, बिल्डिंग मैटीरियल आदि कारोबार पुलिस की मिलीभगत से ही सड़कों पर होते हैं हालांकि पुलिस अतिक्रमण हटाने की खानापूर्ति करती भी करती है।
लेकिन पुलिस,नगर निगम और एनडीएमसी में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण सडक़ों पर अतिक्रमण बरकरार है।
मामला खत्म करने के लिए रिश्वत लेते हवलदार पकड़ा-
सीबीआई ने 6 जनवरी 2021 को भजन पुरा थाने के हवलदार संजीव कुमार को नदीम से पच्चीस हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
नदीम ने सीबीआई को शिकायत की थी कि उसके और चार अन्य के खिलाफ चोरी का झूठा मामला दर्ज किया गया है। उस मामले के जांच अधिकारी हवलदार संजीव कुमार ने मामला खत्म करने के लिए उससे पचास हजार रुपए रिश्वत मांगी है। हवलदार बाद में पच्चीस हजार रुपए पर तैयार हो गया। इस शिकायत के आधार पर सीबीआई ने मामला दर्ज किया और हवलदार को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस वाले बन गए शराब माफिया-
कंझावला थाना इलाके में 4 जनवरी 2021 को पीसीआर गाडी पर तैनात पुलिस ने शराब की 50 पेटियां पकडी।
लेकिन पुलिस वालों ने इसमें से 20 पेटी खुद ही किसी दूसरे शराब माफिया को बेच दी। इसके अलावा शराब माफिया को भी छोड़ दिया।
पुलिस ने बाद में शराब तस्कर को पकड़ा तो पता चला कि 50 पेटी शराब थी।
यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आने के बाद पीसीआर गाडी पर तैनात चार पुलिस वालों को निलंबित कर दिया गया। उनके खिलाफ शराब तस्कर को भगा देने और अमानत में ख्यानत की धाराओं के तहत 11 जनवरी को कंझावला थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
163 किलो गांजा पुलिस ने बेच दिया-
जहांगीर पुरी थाने की पुलिस ने 11 सितंबर 2020 को 164 किलो गांजा जब्त किया था। पुलिस ने इस मामले मेंं अनिल को गिरफ्तार किया था। लेकिन पुलिस ने उसके पास से सिर्फ 920 ग्राम गांजा ही बरामद दिखाया जिसके कारण अनिल को थाने में ही जमानत पर छोड़ दिया गया।
गांजा बेचने वाले सब-इंस्पेक्टर शेखर खान,सब- इंस्पेक्टर सपन,हवलदार सोनू राठी और हरफूल मीणा को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। एस एच ओ सर्वेश कुमार को लाइन हाजिर कर किया गया था बाद में उसका तबादला कर दिया गया।
दिल्ली पुलिस के सतर्कता विभाग द्वारा इनके
के खिलाफ खिलाफ एनडीपीएस एक्ट,भ्रष्टाचार निरोधक कानून, जबरन वसूली और सरकारी अफसर द्वारा अमानत मेंं ख्यानत की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एसीपी, एसएचओ ने शराब तस्कर को छोड़ दिया-
साल 2020 अप्रैल में कंझावला पुलिस ने एक शराब तस्कर को पकड़ा था लेकिन पुलिस से सांठगांठ कर वह छूट गया और अपनी गाडी भी छुडवा ली। शराब तस्कर ने अपनी जगह अपने नौकर को गिरफ्तार करवा दिया। पुलिस ने शराब भी कम बरामद दिखाई। इस मामले में सतर्कता विभाग की जांच के बाद एसीपी, एस एच ओ समेत आठ पुलिस वालों का केवल तबादला किया गया।
दिल्ली पुलिस मेंं रक्षक ही बने भक्षक-
पुलिस यानी रक्षक, लेकिन रक्षक के भेष मेंं छिपे भक्षकों की पैसे की भूख जब उगाही और रिश्वत से भी नहीं मिटती तो वे अपराध करने मेंं अपराधियों को पीछे भी छोड़ देते है। शराब और मादक पदार्थ तस्करों से पुलिस अफसरों तक की मिलीभगत और पुलिस वालों द्वारा हत्या और लूटपाट करने के मामले लगातार सामने आ रहे है।
जागो IPS जागो-
इन मामलों से आईपीएस अफसरों की कार्यप्रणाली/ काबिलियत/ भूमिका पर भी सवालिया निशान लग जाता है। लोग पुलिस वालों के खिलाफ आला अफसरों तक से शिकायत करते हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इस वजह से ही पुलिस मेंं भ्रष्टाचार और अपराध दिनोंदिन बढ रहा है। निरंकुश पुलिस वाले आम लोगों से सीधे मुंह बात तक नहीं करते हैं।
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