अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज राष्ट्रीय राजधानी में साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील इकालों में ‘ देश के गद्दारों को , गोली मारो सालो को’ जैसे नारेबाजी करने की निंदा की तथा दिल्ली में सिंघू तथा गाजीपुर धरना स्थलों पर हिंसा भड़काने के लिए की नारेबाजी पर भारतीय जनता पार्टी की निंदा की है।
दिल्ली में पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा जानबूझकर शांतिपूर्ण किसानों पर पत्थर मारने के लिए पुलिस सरंक्षण के तहत अपने कैटर में फायरिंग करके ‘ धरना स्थलों पर संघर्ष बना रही है। उन्होने कहा कि भाजपा यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि स्थानीय लोग धरने के खिलाफ हैं, जिससे राष्ट्रीय हित को नुकसान पहुंचेगा तथा इसके परिणामस्वरूप देश में शांति तथा साम्प्रदायिक सदभावना खराब करने के अलावा हिंसा हो सकती है।
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने राष्ट्रीय राजधानी में साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाकों पर भाजपा नेताओं द्वारा ‘देश के गददारों को, गोली मारो सालों को’ जैसे नारों के लिए निंदा की। उन्होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृहमंत्री अमित शाह से अपील की कि वे भाजपा कार्यकर्ताओं को इस तरह से हिंसा भड़काने से रोकें। उन्होने यह भी पूछा कि क्या केंद्र सरकार हिंसा चाहती है? उन्होने पूछा, क्या यह साम्प्रदायिक टकराव चाहती है?
अकाली दल अध्यक्ष ने सभी दलों से इस नए खतरे का सामना करने के लिए एकजुट होने की अपील की जिसका उददेश्य देश के सामाजिक ताने बाने को नष्ट करना है। ‘ भारत हर किसी कार है न कि एक पार्टी का। देशवासियों को अपनी देशभक्ति साबित करने के लिए किसी पार्टी यां संगठन से प्रमाणपत्र की जरूरत नही है। संविधान हमें अपने अधिकार की गारंटी देता है तथा किसी को इसे हमसे छीनने की कोशिश्ज्ञ नही करनी चाहिए।
अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि चल रहा किसान आंदोलन देश व्यापी है जिसमें सभी राज्यों के किसान भाग ले रहे हैं।
सरदार बादल ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार इसे एक ही समुदाय से जोड़ रही है तथा दमनकारी तरीकों का इस्तेमाल कर इसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है।उन्होने कहा कि इमरजेंसी के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देशवासियों को दबाने के लिए ऐसे ही तरीकों का इस्तेमाल किया गया था, जिससे देश की जनता ने उन्हे सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
कानून तथा व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री की होती है कहते हुए सरदार बादल ने कहा कि कृप्या भाजपा कैडर को हिंसा भड़काने से रोकें। उन्होने प्रधानमंत्री से शांति सुनिश्चित करने की अपील की है। उन्होने किसान नेताओं तथा पत्रकारों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियों(रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) का दुरूपयोग कररे के लिए केंद्र सरकार की निंदा की है तथा मीडिया से अपील की है कि वे ऐसे दृश्य न दिखाएं जिससे शांति भंग हो तथा साम्प्रदायिक हिंसा को बढ़ावा मिले। उन्होने कहा कि शांति तथा साम्प्रदायिक सदभावना शिरोमणी अकाली दल का मूल है तथा सिख समुदाय में गुरु साहिबान ने हमेशा ‘ सरबत का भला’ की शिक्षा पर ही जोर दिया है।
इससे पहले अकाली नेता ने पार्टी सांसदों के साथ संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया तथा खेती अधिनियमों को रदद करने की मांग को लेकर गेटों पर विरोध किया। सरदार बादल ने किसान नेता राकेश टिकैत से भी बात की तथा उनके साथ एकजुटता व्यक्त की तथा गाजीपुर धरने को जबरन हटाने के केंद्र सरकार के प्रयासों की निंदा की। सांसद बलविंदर सिंह भूदंड़, दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा तथा दिल्ली के सांसद हरमीत सिंह कालका सहित वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने भी गाजीपुर विरोध स्थल का दौरा कर किसान नेता राकेश टिकैत को सम्मानित किया तथा उन्हे हर तरह का सहयोग देने का वादा किया
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