नई दिल्ली: दिल्ली के पहले वर्चुअल स्कूल मॉडल की शुरुआत के साथ दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में प्रौद्योगिकी को अपनाया जा रहा है। यह भारत में अपने तरह का अनूठा प्रयोग होगा। यह वर्चुअल स्कूल शहर के किसी भी अन्य नियमित सरकारी स्कूल के जैसा ही होगा, जहां छात्र, शिक्षक, नियमित शिक्षण-शिक्षण गतिविधियां, आकलन और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि अपने छात्रों को समग्र शिक्षा प्रदान करेगा। यह जानकारी दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को दी। हार्वर्ड सोशल एंटरप्राइज कॉन्फ्रेंस में मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक-भावनात्मक लर्निग पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहां दिल्ली सरकार ने कहा कि महामारी के समय, घर पर रहना अपने आप में एक बड़ा आघात था। इस दौरान बच्चों की पढ़ाई का काफी नुकसान भी हुआ, लोगों में भविष्य को लेकर एक अनिश्चितता बनी रही और कई लोगों की नौकरी भी छूट गई।
इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “शिक्षा के माध्यम से हमारे दैनिक जीवन में लचीलापन लाने की सख्त जरूरत है। महामारी के समय, घर पर रहना अपने आप में एक बड़ा आघात था। इस दौरान बच्चों की पढ़ाई का काफी नुकसान भी हुआ, लोगों में भविष्य को लेकर एक अनिश्चितता बनी रही और कई लोगों की नौकरी भी छूट गई। ये सभी के लिए कठिन समय थे और हमारे सहनशीलता ने इस कठिन समय से निकलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।”
सिसोदिया ने कहा कि बच्चों में एक बेहतर जीवनशैली का विकास करने के लिए हमने हैप्पीनेस पाठ्यक्रम को विकसित किया और छात्रों और शिक्षकों को ‘माइंडफुलनेस’ का अभ्यास करने के लिए प्रोत्साहित किया। हमारे हैप्पीनेस करिकुलम का उद्देश्य बच्चों में आत्म-जागरूकता और माइंडफुलनेस, क्रिटिकल थिंकिंग और वैज्ञानिक कौशलों को विकसित करना, छात्रों को प्रभावी ढंग से संवाद करना सिखाना और उन्हें अपने आसपास के तनावपूर्ण और प्रतिकूल स्थितियों से निपटने के लिए जीवन कौशल सिखाने में मदद करना है।
लगभग 4 लाख छात्रों ने माइंडफुलनेस और विभिन्न गतिविधियों का अभ्यास के द्वारा,अपने घरों में भावनात्मक रूप से मजबूत वातावरण बनाने में मदद की। हैप्पीनेस करिकुलम के माध्यम से वातावरण और समाज को बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सिसोदिया ने कहा, “कोरोना के बाद सार्वजनिक शिक्षा के लिए सबसे बड़ा टेकअवे तकनीक है। इसको ध्यान में रखते हुए हमें अपनी शिक्षा प्रणाली को जल्दी से प्रौद्योगिकी के अनुकूलित कर उसके उपयोग को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।”
उपमुख्यमंत्री ने गवर्नेस और लीडरशिप से परे लंबे समय तक चलने वाली लचीली प्रणालियों के निर्माण के विषय पर कहा, “लीडरशिप से अभिप्राय सभी स्टेकहोल्डर्स को साथ लेकर उनके सहयोग से कार्य करना है। दिल्ली की लीडरशिप केवल टॉप-डाउन लीडरशिप नहीं है, बल्कि यह अधिक सहयोगी भी है।”
उन्होंने कहा, “जब हम हैप्पीनेस करिकुलम विकसित कर रहे थे, तो यह सुनिश्चित किया गया कि इसमें हमारे शिक्षकों की बड़ी भूमिका हो, उनकी सभी सिफारिशें सुनी जाएं।”
–आईएएनएस
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