नई दिल्ली| दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच मरीजों को एम्बुलेंस मिलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अस्पतालों के बाहर खड़े ऑटो चालक भी मरीजों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाने में मददगार साबित हो रहे हैं। हालांकि ऐसा करने से वो खुद को भी खतरे में डाल रहे है, लेकिन कमाना और मदद करने के अलावा उनके पास कोई उपाय नहीं।
दिल्ली के अलग अलग अस्पतालों के बाहर ऑटो और रिक्शा चालक खड़े हुए हैं, जो की मरीजों के परिजनों को लाने ले जाने का काम कर रहें हैं, लेकिन कुछ गंभीर मरीज जिनको एम्बुलेंस नहीं मिल पाती उन्हें भी ऑटो में बिठाल चालक एक जगह से दूसरी जगह छोड़ने के काम कर रहे हैं।
एलएनजी अस्पताल के बाहर खड़े ऑटो चालक सुखदेव ने आईएएनएस को बताया कि, “कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए एम्बुलेंस है, यदि विशेष परिस्थिति में कुछ होता है तो ले भी जाते हैं। किसी की जीवन मृत्यु की बात होती है तो बिठा लेते हैं।”
उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि, “कुछ दिन पहले की बात है कि कोविड मरीज एक अस्पताल की व्यवस्था से न खुश था, तो मुझसे कहा कि दूसरे अस्पताल छोड़ दिया, मरीज को छोड़ने के बाद मैंने खुद को सैनिटाइज भी किया।”
ऑटो चालक मोहम्मद मुस्तकीम ने बताया, “एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाने में हम मदद करते हैं और मदद करनी भी चाहिए।”
क्या आप उनकी कोविड रिपोर्ट मांगते हैं? इसके जवाब में मुस्तकीम ने कहा, “थोड़ा पता लग जाता है, अधितर एम्बुलेंस ही जाती हैं। जीवन मौत की यदि बात आती है तो हम उन्हें ले जाते हैं। कभी हमारे साथ ऐसा हो और कोई मदद न करे तो बुरा लगेगा।”
आरएमएल अस्पताल के बाहर खड़े एक ऑटो चालक ने भी संक्रमित मरीज को बिठा उनके गंतव्य स्थान तक छोड़ा।
हालांकि ऑटो चालक इस दौरान मास्क जरूर पहने रहते हैं, वहीं सवारी को उतारने के बाद सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी करते हैं।
–आईएएनएस
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