शिखा त्रिपाठी,
नई दिल्ली। बॉलीवुड से हॉलीवुड तक अपने अभिनय की छाप छोड़ने वाले अभिनेता इरफान खान का नाम आज पूरी दुनिया में मशहूर है। उन्होंने अपनी बहुमुखी प्रतिभा और अभिनय के दम पर हर वर्ग के दर्शकों को प्रभावित किया है। इरफान का अपना एक अलग ही अंदाज है। वह ऐसे कलाकार हैं, जो अपने जबरदस्त और शानदार अभिनय से किसी भी किरदार में जान डाल देते हैं। वह दिल से अभिनय करते हैं, जो उनकी भूमिकाओं में दिखता है।
हाल ही में हॉलीवुड अभिनेता टॉम हैंक्स ने उनकी सराहना करते हुए कहा था कि इरफान की आंखें भी अभिनय करती हैं। इरफान खान का जन्म राजस्थान के जयपुर में एक मुस्लिम पठान परिवार में 7 जनवरी, 1967 को हुआ। उनका पूरा नाम शाहबजादे इरफान अली खान है। उनके पिता टायर का व्यापार करते थे।
पठान परिवार के होने के बावजूद इरफान बचपन से ही शाकाहारी हैं, उनके पिता उन्हें हमेशा यह कहकर चिढ़ाते थे कि पठान परिवार में ब्राह्मण पैदा हो गया। उन्होंने वर्ष 1984 में दिल्ली के राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) में अभिनय का प्रशिक्षण लिया। उन्हें स्कॉलरशिप भी मिली।
इरफान खान का शुरुआती दौर संघर्ष से भरा था। जब उनका एनएसडी में प्रवेश हुआ, उन्हीं दिनों उनके पिता की मृत्यु हो गई। घर के आय का स्रोत ही समाप्त हो गया। उन्हें घर से पैसे मिलना बंद हो गया। उनके पास बस एनएसडी से मिलने वाली फेलोशिप ही सहारा थी। एनएसडी से प्रशिक्षण लेने के बाद इरफान ने दिल्ली से मुंबई का रुख किया और वहां जाकर ‘चाणक्य’, ‘भारत एक खोज’, ‘सारा जहां हमारा’, ‘बनेगी अपनी बात’, ‘चंद्रकांता’ और ‘श्रीकांत’ जैसे धारावाहिकों में काम किया।
वह 23 फरवरी, 1995 को लेखिका सुतपा सिकदर के साथ विवाह के बंधन में बंध गए। सुतपा भी एनएसडी में उनके साथ पढ़ी हैं। उनके दो बेटे भी हैं-नाम बाबिल और अयान।
उन्हें हिंदी, अंग्रेजी फिल्मों व टेलीविजन के अभिनेता के तौर पर जाना जाता है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी इरफान खान ने अपने 28 साल के फिल्मी करियर में कई यादगार फिल्मों में काम किया है। बॉलीवुड के साथ-साथ इरफान हॉलीवुड में भी सक्रिय रहे हैं। उन्होंने ‘जुरासिक वल्र्ड’ और ‘स्पाइडर मैन’ जैसी फिल्मों में भी काम किया है।
इरफान ने पहली बार 2005 में आई फिल्म ‘रोग’ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके बाद फिल्म ‘हासिल’ के लिए इरफान खान को उस साल का ‘बेस्ट विलेन’ का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला। उसके बाद इरफान ने ‘लंचबॉक्स’, ‘गुंडे’, ‘हैदर’, ‘पीकू’ और ‘जुरासिक वल्र्ड’ में भी काम किया। इरफान खान को फिल्म ‘पान सिंह तोमर’ के लिए नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया और साथ ही उन्हें वर्ष 2011 में भारत सरकार की तरफ से पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
उन्होंने ‘मदारी’, ‘जज्बा’, ‘इंफर्नो’, ‘पीकू’, ‘लाइफ ऑफ पाई’, ‘द नेमसेक’, ‘स्लमडॉग मिलेनियर’, ‘पान सिंह तोमर’, ‘हासिल’, ‘लाइफ इन अ मेट्रो’, ‘तलवार’, ‘मकबूल’, ‘ये साली जिंदगी’, ‘द अमोजिंग स्पाइ’, ‘यूं होता तो क्या होता’, ‘7 खून माफ’, ‘डी-डे’, ‘बिल्लू’, ‘अपना आसमान’, ‘सलाम बॉम्बे’, ‘रोग’, ‘डेडलाइन सिर्फ 24 घंटे’, ‘नॉक आउट’, ‘ए माइटी हार्ट’, ‘किस्सा’, ‘थैंक यू, क्रेजी 4’, ‘चमकू’, ‘राइट या रॉन्ग’, ‘चेहरा’, ‘मुंबई मेरी जान’, ‘द वारियर’, ‘द किलर’, ‘कसूर’, ‘क्राइम’ जैसी फिल्मों से अभिनय की छाप छोड़ी।
इरफान ने हाल ही में अपने नाम में अतिरिक्त ‘आर’ जोड़ा है। वह फिलहाल अपने अगले प्रोजेक्टों पर काम कर रहे हैं। उन्हें जन्मदिन मुबारक!!!
(आईएएनएस)
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