नई दिल्ली: दिल्ली सरकार द्वारा 24 मई 2021 तक दिल्ली में लॉक डाउन को बढ़ाने के निर्णय को सही दिशा में सरकार द्वारा उठाया गया का कदम बताया है और दिल्ली एवं अन्य राज्यों के व्यापारी दिल्ली सरकार के इस प्रतीक्षित कदम का स्वागत करते हैं – कहा कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री विपिन आहूजा ने ! उन्होंने कहा की हालांकि दिल्ली में कोरोना संक्रमण की दर कम हो रही है लेकिन यदि लॉक डाउन खोला गया तो निश्चित रूप से संक्रमण की संख्या बढ़ने का अंदेशा है ! दिल्ली में लगभग 15 लाख छोटे बड़े व्यापारी हैं जो प्रत्यक्ष रूप से लगभग 35 लाख लोगों को रोजगार देते हैं वहीँ अप्रत्यक्ष रूप से अन्य अनेक लाखों लोग व्यापारियों के जरिये अपनी आजीविका कमा रहे हैं ! पिछले 45 दिनों में दिल्ली में लगभग 30 हज़ार करोड़ रुपए के व्यापार का नुक़सान हुआ है ।
श्री खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार को बेहद सख्ती के साथ लॉक डाउन को लागू करना चाहिए क्योंकि इस समय संक्रमण की दर जिस तरह से कम हो गई है अब उसको और अधिक कम करके शून्य तक ले जाने की जरूरत है जो सख्त लॉक डाउन से ही संभव है ! किसी भी लॉक डाउन में न केवल दुकानों बल्कि आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर अन्य सभी प्रकार की गतिविधियों को बंद रखा जाना जरूरी है और इस बंदी का पूर्ण रूप से पालन किया जाना भी बहुत आवश्यक है ।
जबकि पिछले दिनों में देखा गया है की दिल्ली में हर तरफ लोग बिना किसी रोक टोक के घूम रहे हैं ! इसके साथ ही दिल्ली की सभी सीमाओं पर प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति या वाहन को सख्त जाँच के बाद ही दिल्ली में प्रवेश देना चाहिए ! हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और अंतरराज्यीय बस स्टेंड्स पर सख्त सतर्कता की आवश्यकता है। दिल्ली में कोविड की श्रृंखला को तोड़ने के लिए जब तक इन कदमों को प्रभावी तरीके से नहीं उठाया जाएगा तब तक कोरोना श्रंखला को तोडना मुश्किल है !
कैट के प्रदेश महामंत्री श्री देवराज बवेजा, आशीष ग्रोवर एवं सतेंद्र वधवा ने एक संयुक्त बयान में मांग की है की दिल्ली के व्यापारियों को इस समय वित्तीय सहायता दिया जाना बेहद जरूरी है ! दिल्ली में पिछले तीन सपताह से दुकानें और बाजार बंद हैं और व्यापारियों को पैसे की कोई आमदनी नहीं है जबकि परिवार की आवश्यकताओं और व्यापार में कर्मचारियों के वेतन, बिजली के बिल, पानी के बिल, संपत्ति कर, ईएमआई के भुगतान, ऋणों पर ब्याज आदि के रूप में व्यापारियों द्वारा धन का खर्चा लगातार जारी है।
चूंकि व्यापारी सरकार के लिए कर संग्रहकर्ता हैं, इसलिए हमें सरकार से ऐसी वित्तीय सुविधाओं की मांग करने का अधिकार है ! ज्ञातव्य है की पिछले वर्ष हुए लॉक डाउन में सरकार के किसी भी पैकेज में व्यापारियों को एक फूटी कौड़ी भी नहीं दी गई थी जिसके कारण अभी दिल्ली के व्यापारी पिछले लॉक डाउन के नुक्सान से उबर ही रहे थे की इस वर्ष दोबारा उन्हें लॉक डाउन का सामना करना पड़ा है जिसके चलते व्यापारियों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है और इस नाते से उनको वित्तीय सहायता दिया जाना बेहद जरूरी है !
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