नई दिल्ली: के .आर. मंगलम विश्वविद्यालय, गुरुग्राम के स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज और स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड कॉमर्स की संयुक्त भागीदारी में ” परिवर्तन और परिवर्तन को अपनाना – निर्णायक नवाचार” विषय पर आधारित, तीसरा दो दिवसीय 11 – 12 जून अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न हुआ। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रकाश के अभिभाषण द्वारा , सभी अतिथियों का स्वागत किया।
दो दिवसीय कार्यक्रम में प्रथम दिवस, एनएलयू, गुजरात के कुलपति प्रो. (डॉ.) एस. शांताकुमार; आईबीएम इंस्टिट्यूट ऑफ बिजनेस वैल्यू की श्री पाउलो सिरोनी और कोपनहेगन बिजनेस स्कूल के एसोसिएट प्रोफेसर प्रो. सुधांशु राय के साथ अन्य शोधार्थियों के ज्ञानवाणी के नाम रहा, दूसरे दिन जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, उत्तर प्रदेश की निदेशक डॉ. दिव्या जी; नॉर्थर्मा विश्वविद्यालय, यूनाइटेड किंगडम की प्रोफ़ेसर डॉ. अर्चना शंकर; दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉक्टर वागेश्वरी देशवाल और एजुकेशन प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर आईबीएम प्राइवेट इंडिया लिमिटेड से मिस शेफाली ने अपने शोधप्राप्त नवीन विचारों से उपस्थित विशेष जनसमूह को अभिभूत कर दिया।
इस लगातार चली ज्ञान चर्चा के समापन सत्र के मुख्य वक्ता सेवानिवृत्त आई पी एस अधिकारी श्री करनल सिंह पूर्व निदेशक प्रवर्त्तन निदेशालय भारत सरकार ने आज के परिदृश्य में सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते दुष्प्रयोगों से बचने का संदेश दिया अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की सहयोगी संस्था भागीदारी जन सहयोग समिति के महसचिव विजय गौड़ ने, महाकवि प्रसाद की पंक्तियों के उद्धरण के साथ सम्मेलन को अपने महत्वपूर्ण भागीदारी देकर अपने ज्ञान – विज्ञान से पोषित किए सभी विद्वज्जनों को धन्यवाद देते हुए सबका आभार व्यक्त किया और यथोचित समापन की उद्घोषणा की। विजय गौड़ ने बताया कि विविध क्षेत्रों एवं देशों के गणमान्य अग्रगण्य विद्वानों और शोधकर्ताओं ने अपने-अपने नए विचारों और अध्ययन से उपस्थित विद्यार्थियों और विभिन्न क्षेत्र के जनसमूह को ज्ञानालोकित किया।
कार्यक्रम का संयोजन संयुक्त रूप से डॉ कावेरी शर्मा एवं ऋचा अरोड़ा ने किया
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