नई दिल्ली| सीबीएसई ने फैसला लिया है कि स्कूलों में शिक्षा और परीक्षा के लिए अकादमिक सत्र को 50-50 प्रतिशत सिलेबस के हिसाब से दो भागों में विभाजित किया जाएगा। यानी मौजूदा एकडमिक सेशन को दो भागों में बांट दिया जाएगा। इसके साथ ही सीबीएसई 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षा के लिए भी अलग अलग महीनों की घोषणा की है।
सीबीएसई ने कोरोना महामारी संक्रमण को देखते हुए यह निर्णय लिया है। गौरतलब है कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020-21 सत्र की 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं रद्द करने का निर्णय लिया था। वह फैसला छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर लिया गया था। अब आगामी बोर्ड परीक्षाओं के लिए सीबीएसई ने नया फार्मूला तैयार किया है।
सीबीएसई द्वारा बनाए गए नए कार्यक्रम के अंर्तगत 2021-22 के अकादमिक सत्र में बोर्ड परीक्षाएं दो बार में आयोजित की जाएगी। प्रत्येक बोर्ड परीक्षा में 50 प्रतिशत सिलेबस कवर किया जाएगा।
सीबीएसई ने सोमवार को 2021-22 के सत्र के लिए विशेष मूल्यांकन योजना घोषित की है। 10वीं और 12वीं का अकादमिक सत्र 50 -50 प्रतिशत सिलेबस के अनुसार दो भागों में बांटा जाएगा। इसके तहत पहली परीक्षा नवंबर-दिसंबर में ली जाएगी, वहीं शेष 50 प्रतिशत सिलेबस के लिए दूसरी परीक्षा मार्च-अप्रैल में आयोजित की जाएगी।
सीबीएसई आंतरिक मूल्यांकन एवं प्रोजेक्ट असाइंमेंट पर भी विशेष ध्यान देगी। सीबीएसई बोर्ड ने एक आधिकारिक जानकारी में कहा है कि 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं की योजना पर आंतरिक मूल्यांकन और प्रोजेक्ट संबंधित कार्यों को पहले के मुकाबले और अधिक विश्वसनीय व वैध बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सीबीएसई ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि शैक्षणिक सत्र 2021-22 के पाठ्यक्रम को 50-50 प्रतिशत सिलेबस के हिसाब से दो भागों में विभाजित का निर्णय विषयों के परस्पर संबंध को देखते हुए लिया गया है। इसके लिए विशेषज्ञों से चर्चा भी की गई। इसके बाद एक व्यवस्थित ²ष्टिकोण का पालन करते किया गया जिसके आधार पर ही इसे दो अलग अलग अवधियों में विभाजित किया जा रहा है। बोर्ड प्रत्येक सत्र के अंत में इस विभाजित पाठ्यक्रमों के आधार पर परीक्षा लेगा।
–आईएएनएस
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