भोपाल| मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आजादी की 75वीं सालगिरह पर राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जनता का साथ मांगा है। उनका कहना है कि जनसहयोग के बिना अकेले सरकार प्रदेश का नवनिर्माण नहीं कर सकती है। राजधानी के लाल परेड मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, “प्रदेश के निर्माण के लिए हर नागरिक को अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करना होगा। प्रदेश के निर्माण के लिए जनता के साथ मिलकर निर्णय लेने के उद्देश्य से प्रदेश में जनभागीदारी मॉडल विकसित किया गया है। प्रदेश में विभिन्न वर्गों की पंचायतों का आयोजन पुन: आरंभ किया जाएगा। जनता के कल्याण की योजनाएँ जनता के साथ मिलकर बनाई जाएंगी और उनका क्रियान्वयन भी जनता के माध्यम से होगा। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण जनभागीदारी से किया जाएगा। हमें जनता का सहयोग चाहिए जनसहयोग के बिना अकेली सरकार प्रदेश का नव निर्माण नहीं कर सकती है।”
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि “आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए प्रदेश के नागरिकों को ईमानदारी से अपने कर्तव्य और दायित्वों का पालन करने, कोरोना अनुकूल व्यवहार के पालन, बेटियों का सम्मान करने और स्वच्छता अभियान में भाग लेने का संकल्प लेना होगा। हम मिलकर समृद्ध विकसित और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण करेंगे। मैं ऐसे मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए स्वयं को समर्पित करता हूँ।”
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के संकल्प के अनुपालन में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में हमारा प्रदेश देश में प्रथम रहेगा।”
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि “हमारी सरकार समावेशी विकास के साथ सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है। अन्य पिछड़ा वर्ग का मामला हो, अनुसूचित जाति- जनजाति का कल्याण हो या महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान का विशय हो, राज्य सरकार प्रत्येक क्षेत्र में निरंतर कार्यरत है। अनुसूचित जनजाति के बहनों-भाइयों की भावनाओं, संस्कृति, जीवनमूल्य, परंपरा, रोजगार और शिक्षा के लिए 18 सितम्बर रघुनाथ शाह शंकरशाह के बलिदान दिवस से विशेश अभियान आरंभ किया जाएगा जो 15 नवम्बर भगवान बिरसा मुंडा की जयंती तक चलेगा।”
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि “अनुसूचित जाति वर्ग की सुरक्षा, सम्मान, रोजगार और शिक्षा की भरपूर चिंता की जाएगी। बजट में इसके लिए 17 हजार 980 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संविधान में संशोधन कर पिछड़ा वर्ग के बहनों और भाईयों के लिए विशेश प्रावधान किए गए हैं।”
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि “जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता तक ले जाने के कर्मचारी महत्वपूर्ण माध्यम हैं। पिछले दिनों आर्थिक संकट के कारण अपेक्षित महंगाई भत्ता और सुविधाएं कर्मचारियों को देने में राज्य सरकार असमर्थ रही है। अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने के प्रयास जारी हैं। जल्द ही कर्मचारियों को भत्ते आदि दिलाए जाएंगे।”
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि “महिला सशक्तिकरण हमारा संकल्प है। लाड़ली लक्ष्मी योजना में बिटिया के जन्म के समय दो हजार रुपये उसके खाते में डाले जाएंगे। लाड़ली लक्ष्मी बेटियां जैसे ही कॉलेज में प्रवेश करेंगी उन्हें 20 हजार रुपय प्रदान किए जाएंगे। बेटियों की नि:शुल्क उच्च शिक्षा की व्यवस्था रहेगी। पिछले 16 माह में हमने 1 लाख 15 हजार से अधिक स्व-सहायता समूहों को लगभग डेढ़ हजार करोड़ रुपए बैंक लोन के रूप में उपलब्ध कराये हैं। लगभग 11 हजार स्व-सहायता समूहों ने प्रदेश के 58 लाख से अधिक विद्यार्थियों के लिए 1 करोड़ 17 लाख गणवेश तैयार कर अपनी उद्यम क्षमता का परिचय दिया है।”
–आईएएनएस
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