इंद्र वशिष्ठ
एक बिल्डर ने नारायणा थाने की पुलिस पर झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर दो लाख रुपए वसूलने का आरोप लगाया है। आरोप है कि पैसा वसूलने के लिए पुलिस ने आधी रात में महिला मजदूर को भी पीटा, घसीटा और बदसलूकी की। पुलिस ने मजदूरों को थाने में अवैध रूप से बंधक बना कर रखा और उनकी पिटाई की गई।
2 लाख वसूल कर छोड़ा-
बिल्डर से दो लाख रुपए वसूलने के बाद उन्हें छोड़ा गया। बिल्डर ने नारायणा थाने के एसएचओ समीर श्रीवास्तव और हवलदार नवनीत और अन्य पुलिस वालों के खिलाफ पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त उर्विजा गोयल को शिकायत की। एसएचओ के खिलाफ आरोप लगाए गए है इसके बावजूद मामले की जांच का जिम्मा जिले की सतर्कता शाखा के एक असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर(एएसआई) को दिया गया है। क्या एएसआई स्तर का पुलिसकर्मी अपने से वरिष्ठ अफसर के खिलाफ जांच कर सकता है? इससे जिला पुलिस के वरिष्ठ अफसरों की काबिलियत और भूमिका पर सवालिया निशान लग जाता है।
मजदूरों पर अत्याचार-
बिल्डर सोती पुरुषोत्तम गेरा नारायणा औद्योगिक क्षेत्र में एक बिल्डिंग बना रहे हैं। नगर निगम से नक्शा पास करा कर नियमों के अनुसार बिल्डिंग बनाई जा रही है। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण बढ़ने पर दिसंबर के शुरु में निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी थी। मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड और दिल्ली के 9-10 मजदूर निर्माण स्थल पर ही रह रहे थे ताकि रोक हटने पर काम कर सकें।
महिला मजदूर से की बदसलूकी-
बिल्डर के सुपरवाइजर सुनील गेरा द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार 5/6 दिसंबर 2021 को आधी रात में हवलदार नवनीत और अन्य पुलिस वाले उस परिसर में ताला तोड़कर कर घुस गए। सो रहे मजदूरों को पीटा, एक महिला मजदूर को भी पीटा, घसीटा और बदसलूकी भी की। मजदूरों को थाने ले गए और अवैध रुप से रोक कर रखा गया। जबरन पैसा वसूलने के लिए बिल्डर और मजदूरों को झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी गई।
10 हजार डॉलर न देने से SHO नाराज –
शिकायत के अनुसार हवलदार नवनीत ने सुनील से कहा कि एसएचओ समीर श्रीवास्तव बिल्डर सोती पुरुषोत्तम गेरा से नाराज हैं, क्योंकि उसने दस हजार डॉलर नहीं दिए। जोकि बिचौलिए सीए मुकेश मित्तल के माध्यम से मांगे गए थे। शिकायतकर्ता के अनुसार बिल्डर पुलिस के मांगने पर कई बार स्कॉच की पेटियां दे चुका है।
5 लाख मांगे-
हवलदार नवनीत ने एसएचओ समीर की ओर से पांच लाख रुपए की मांग की। रुपए न देने पर बिल्डर, ठेकेदार और मजदूरों को गिरफ्तार करने की धमकी दी। बिल्डर से दो लाख रुपए वसूलने के बाद ही मजदूरों को 6 दिसंबर की शाम को छोड़ा गया।
सीए बना पुलिस का दलाल-
शिकायत के अनुसार एसएचओ की ओर से हवलदार नवनीत ही वसूली करता है। चार्टेड एकाउंटेंट मुकेश मित्तल के माध्यम से बिल्डरों आदि से पैसे आदि की बातचीत की जाती है। बिल्डर ने शिकायत में कहा है कि उसके पास सीए के साथ फोन पर बातचीत की अनेक रिकार्डिंग भी है जिसे वह जांच के दौरान दे सकता है। आधी रात को एक मजदूर ने पुलिस नियंत्रण कक्ष को फोन करके सारी सात बताई थी। पीसीआर मौके पर भी आई थी। बिल्डिंग परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों में भी सारी घटना रिकॉर्ड हुई है।
एएसआई जांच करेगा-
सुनील गेरा ने इस मामले की शिकायत 14 दिसंबर 2021 को नारायाणा के एसीपी और पश्चिम जिले की डीसीपी उर्विजा गोयल से की। सुनील को एसएमएस द्वारा पुलिस ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए एएसआई मनोहर लाल शर्मा को जांच अफसर नियुक्त किया गया है।
जिला पुलिस का यह रवैया देख कर सुनील गेरा ने 24 दिसंबर 2021 को सतर्कता विभाग के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त को भी शिकायत दी और सतर्कता विभाग के डीसीपी से मुलाकात कर उन्हें सारी बात बताई। लेकिन अभी तक पुलिस वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
हथकंडे-
इस मामले से पता चलता है कि पुलिस अवैध निर्माण से ही नहीं नक्शा पास करा कर वैध निर्माण करने वालों से भी पैसा वसूलने के लिए कैसे कैसे हथकंडे अपनाती है।
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