नई दिल्ली: प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लागू राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अपने स्कूलों में शिक्षा प्रणाली के उत्थान और अधिक व्यावहारिक शिक्षा प्रदान करने के लिए, उपाध्यक्ष- पालिका परिषद् -श्री सतीश उपाध्याय ने एनडीएमसी स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों की बेहतरी के लिए नई शिक्षा परियोजनाए लागू किये जाने के विषय में विवरण की जानकारी देते हुए बताया ।
श्री उपाध्याय ने बताया कि परिषद् शिक्षा को समावेशी बनाने के लिए -अटल टिंकरिंग लैब, स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लाइब्रेरी, लैंग्वेज लैब, ऑडिटोरियम का उन्नयन, मेधावी छात्रों को नकद-पुरस्कार, प्राथमिक कक्षा के छात्रों को मुफ्त स्टेशनरी, समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लगभग 2500 छात्र-छात्राओं ऑनलाइनपढने की सामग्री उपलब्ध करना,शिक्षक संसाधन केंद्र, विज्ञान पार्क, बैग रहित कक्षा, नेचर-क्लास,100 दिवसीय पठन अभियान आदि।
श्री उपाध्याय ने कहा कि कोविड-19 ने विशेष रूप से पूरी दुनिया में शिक्षा प्रणाली के लिए अभूतपूर्व चुनौतियां पेश की हैं। एनडीएमसी ने इस चुनौती को एक अवसर के रूप में लिया और अपने सभी छात्रों के लिए ‘शिक्षार्थियों के लिए घर पर स्कूली शिक्षा’ सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया। इन पहलों में वास्तविक समय ऑनलाइन शिक्षण, छात्रों के लिए कहीं भी किसी भी समय सीखना, ऑनलाइन मूल्यांकन, ऑनलाइन पीटीएम, स्टाफ मीटिंग और शिक्षक प्रशिक्षण और एनडीएमसी यूट्यूब चैनल आदि शामिल हैं। एनडीएमसी अपनी सभी प्राथमिक कक्षाओं को कक्षा 1 से 5 तक स्मार्ट कक्षाओं में परिवर्तित करके अपग्रेड कर रहा है। इस वित्तीय वर्ष में एक स्मार्ट बोर्ड आधारित स्मार्ट क्लास, स्कूलों में ऑडिटोरियम का उन्नयन, 14 पालिका टिंकरिंग लैब की स्थापना, 10 एनडीएमसी / नवयुग स्कूलों में से प्रत्येक में एक प्रकृति आधारित कक्षा कक्ष स्थापित किया जाएगा।
श्री उपाध्याय ने बताया कि एनडीएमसी ने 10वीं और 12वीं कक्षा के शीर्ष 10 मेधावी छात्रों को पूर्व-प्राथमिक और प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों को 10,000/- रुपये की नकद पुरस्कार, नि:शुल्क स्टेशनरी देकर पुरस्कृत करने का निर्णय लिया है। एनडीएमसी ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 2500 छात्रों को ‘टॉपर्स’ ऑनलाइन शिक्षण सामग्री भी प्रदान की। डिजिटल संसाधनों के लिए जरूरतमंद बच्चों तक पहुंच बढ़ाने के लिए, एनडीएमसी ने छात्रों के बेहतर प्रदर्शन के लिए न केवल 200/- रुपये प्रति माह की लागत वाला इंटरनेट डेटा पैक प्रदान किया अपितु प्रायोगिक आधार पर चार स्कूलों में कक्षा 10वीं और12वीं के छात्र को 811 टैबलेट वितरित किए। एनडीएमसी शेष सभी स्कूलों के 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के साथ-साथ सभी शिक्षकों को टैबलेट उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में है।
उन्होंने बताया कि एनडीएमसी शिक्षकों के सतत व्यावसायिक विकास के लिए एनडीएमसी में एक ‘शिक्षक संसाधन केंद्र’ विकसित करेगा और छात्रों द्वारा विषय की बेहतर समझ के लिए राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र के सहयोग से तुगलक क्रिसेंट में ‘साइंस पार्क’ की स्थापना भी करेगा।
बालवाटिका के साथ-साथ प्राथमिक कक्षाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए एनईपी के निर्देशों के अनुसार सभी एनडीएमसी और नवयुग स्कूलों के प्राथमिक विंग में ‘गतिविधि केंद्र’ खोले जाएंगे। खेल आधारित और गतिविधि-आधारित पाठ्यक्रम द्वारा भाषा कौशल और शिक्षण के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि महामारी खत्म होने के तुरंत बाद बैग रहित प्री-प्राइमरी और प्राइमरी क्लासरूम लागू किए जाएंगे।
श्री उपाध्याय ने आगे बताया कि छात्रों के लिए “प्रकृति कक्षाएं”–गुरुकुल पर आधारित प्रकृति के साथ पढ़ने और लिखने के कौशल को प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित की जा रही हैं। ऑफलाइन फिजिकल क्लास बंद होने के कारण प्राथमिक छात्रों की मूल भाषा, संचार और संख्यात्मक क्षमताओं में आई कमी को भरने के लिए एनडीएमसी ने कक्षा एक से आठवीं तक के छात्रों के लिए अटल आदर्श विद्यालयों और नवयुग स्कूलों के सभी सहायक शिक्षकों के साथ मिलकर “100 दिनों के पठन अभियान” कार्यशालाओं का आयोजन शिक्षा विभाग, भारत सरकार और शिक्षा निदेशालय, एनसीटी दिल्ली सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार किया है । यह अभियान छात्रों के सीखने के स्तर में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि यह रचनात्मकता, महत्वपूर्ण सोच, शब्दावली और मौखिक और लिखित दोनों में व्यक्त करने की क्षमता विकसित करता है। इस परियोजना के लिए, एनडीएमसी छात्रों को प्रसिद्ध व्यक्तित्वों, स्वतंत्रता सेनानियों, भारतीय सांस्कृतिक, विरासत आदि पर आधारित किताबें और लिंक भी प्रदान किये है। इसके माध्यम से वे अपनी पढ़ने और समझने की क्षमता को मजबूत करेंगे क्योंकि भारत की स्वाधीनता “आजादी का अमृत महोत्सव” के 75 वें वर्ष का जश्न मनाया जा रहा है।
श्री उपाध्याय ने कहा कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की घोषणा की थी जिसे 2022 तक पूरे देश में लागू किया जाना है। एनडीएमसी ने अपने स्कूलों में शिक्षा के पुनर्गठन के दौरान नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की और ध्यान केंद्रित करते हुए शिक्षा और प्रौद्योगिकी को एक साथ ले कर चलने का निर्णय लिया है ।
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