नई दिल्ली| पीएम नरेंद्र मोदी ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स पर अजमेर शरीफ दरगाह पर चढ़ाई जाने वाली चादर को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी द्वारा पेश किया। ये आठवां मौका होगा, जब पीएम मोदी की तरफ से दरगाह पर चादर चढ़ाई। प्रधानमंत्री द्वारा भेजी गई चादर का वहां मौजूद लोगों ने पूरे सम्मान के साथ स्वागत किया और ख्वाजा गरीब नवाज के दरबार में पेश की। दरगाह पर केंद्रीय मंत्री नकवी के अलावा अन्य कई लोग भी इस मौके पर शामिल रहे। उन्होंने इस दौरान कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सूफियों की सोच, संतों के संस्कार और समाज के समावेशी सशक्तिकरण का संकल्प ही हिंदुस्तान को विश्वगुरु बनाने का मजबूत मंत्र है।
हालांकि इस मौके पर प्रधानमंत्री द्वारा भेजा गया एक संदेश भी केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सभी के सामने पढ़कर सुनाया। संदेश में कहा गया है, ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के 810वें उर्स पर विश्वभर में उनके अनुयायियों को बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं। दुनिया को मानवता का संदेश देने वाले महान सूफी संत के उर्स के अवसर पर अजमेर शरीफ में चादर भेजते हुए मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
अनेकता में एकता भारत की पहचान है। देश में विभिन्न पंथों, संप्रदायों एवं मान्यताओं का सद्भावपूर्ण सह-अस्तिžव हमारी विशिष्टता है। विभिन्न कालखंडों में देश के सामाजिक-सांस्कृतिक ताने-बाने को मजबूती प्रदान करने वाले संतों, महात्माओं, पीर व फकीरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस गौरवशाली परंपरा में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती का नाम पूरे आदर और श्रद्धा के साथ लिया जाता है, जिन्होंने समाज को प्रेम एवं सौहार्द का संदेश दिया।
गरीब नवाज के आदशरें एवं विचारों से पीढ़ियों को निरंतर प्रेरणा मिलती रहेगी। समरसता और भाईचारे की मिसाल यह उत्सव श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास को और प्रगाढ़ बनाएगा। इसी विश्वास के साथ ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के वार्षिक उर्स के अवसर पर मैं दरगाह अजमेर शरीफ से देश की खुशहाली और समृद्धि की कामना करता हूं।
संदेश पढ़ने के बाद केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि आज दुनिया मोदी की तरफ उम्मीद और यकीन के साथ विश्व शांति के नायक के रूप में देख रही है, वह इन्हीं सूफी-संतों के आशीर्वाद और समाज के समर्थन का नतीजा है। ख्वाजा गरीब नवाज का जीवन हमें सामाजिक सौहार्द एवं एकता की ताकत को और मजबूत करने की प्रेरणा देता है, जिससे कि हम टकराव-बिखराव पैदा करने वाली ताकतों को परास्त कर सकें।
उन्होंने कहा, ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की शिक्षा ‘विश्व शांति का प्रभावी संकल्प’ है और हिंदुस्तानी संस्कार-संकल्प-संस्कृति का सार्थक संदेश है।
–आईएएनएस
और भी हैं
रॉन्ग साइड चलने वाले वाहनों के खिलाफ विशेष कार्रवाई की जाएगी : लक्ष्मी सिंह
जस्टिस संजीव खन्ना बने भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश
मुस्लिम महिलाओं और शिया धर्मगुरु ने वक्फ बिल का किया समर्थन