जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने छात्रा के साहस की सराहना करते हुए अपने अधिकारों के लिए खड़ी होने वाली छात्रा को 5 लाख रुपये नकद इनाम देने की घोषणा की है।मंच के राज्य सचिव शिकायतकर्ता सी. टी. मंजूनाथ ने बुधवार शाम को कहा, “यह चिंता का विषय है कि कर्नाटक के स्टूडेंट्स ने समाज में अशांति पैदा करने वाले धार्मिक असहिष्णुता के जहरीले बीज बोए हैं। छात्रा के लिए नकद इनाम की घोषणा करने वाले कुछ मौलिक संगठन और अलगाववादी संस्थानों का यह कदम चिंताजनक हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं ²ढ़ता से मानता हूं कि राज्य में हिजाब संकट के पीछे संगठन है। इस संगठन के वित्तीय लेनदेन की जांच की जानी चाहिए और कानूनी कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए। नकद इनाम की घोषणा करने का यह कार्य कट्टरवाद और धार्मिक कट्टरता को प्रोत्साहित करता है।”
बुर्का पहने युवा छात्रा मुस्कान खान ने कहा है कि वह कोर्ट के आदेश का पालन करेंगी।
पत्रकारों से बात करते हुए मुस्कान ने बताया कि वह विभाग को एक असाइनमेंट जमा करने के लिए कॉलेज गई थीं। उन्होंने कहा, “मुझे छात्रों के एक समूह ने गेट पर रोक दिया। उन्होंने मुझे बुर्के के बिना कॉलेज में प्रवेश करने के लिए कहा या फिर घर वापस चले जाने को कहा, जिसका मैंने विरोध किया।”
छात्रा ने कहा, “समूह मेरी अन्य दोस्तों के साथ भी ऐसा ही कर रहा था। मैंने उनसे सवाल किया कि मुझे वापस क्यों जाना चाहिए और क्यों नहीं कॉलेज परिसर में प्रवेश करना चाहिए। उनमें से कुछ मेरे पास आए और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने लगे। उन्होंने मेरा पीछा किया और कहा कि मुझे बुर्का निकालना ही होगा, लेकिन मैं अपनी बात पर कायम रही।”
उन्होंने कहा, “मैं डरी नहीं थी। मैंने बिना किसी डर के ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगाए। मैं अदालत के आदेश का इंतजार कर रही हूं और फैसले का पालन करूंगी।”
मुस्कान ने बताया कि कॉलेज के अधिकारियों ने उसका समर्थन और सुरक्षा की है। उन्होंने कहा, “हर धर्म को अपनी संस्कृति का पालन करने की आजादी है। हम अपनी संस्कृति का पालन करेंगे।”
इस बीच कर्नाटक हाईकोर्ट में तीन जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है।
–आईएएनएस
और भी हैं
झांसी हादसा : एक हादसे ने छीन ली 10 जिंदगियां, चिल्ड्रन वार्ड कैसे बना बच्चों की ‘कब्रगाह’ ?
जर्मनी में 3.2 मिलियन बुजुर्गों पर बढ़ा गरीबी का खतरा
झांसी अस्पताल हादसा : सीएमएस ने बताया, ‘एनआईसीयू वॉर्ड में लगी आग, ज्यादातर बच्चे ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे