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Russia and Ukraine crisis Pictures.(photo:Twitter)

रूस ने दक्षिणी यूक्रेन के कई शहरों की घेराबंदी करने का फैसला किया

नई दिल्ली: संघर्ष शुरू होने के सात दिनों के अंदर दक्षिणी यूक्रेन रूसी सैन्य अभियान की प्रगति के खिलाफ एक महत्वपूर्ण रक्षात्मक मोर्चा बन गया है। बीबीसी की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

इस क्षेत्र को समग्र रूप से आक्रमण की सफलता के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानते हुए मॉस्को ने वहां कई शहरों की घेराबंदी करने का विकल्प चुना है।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इससे न केवल तट का नियंत्रण यूक्रेन के बाकी हिस्सों को समुद्र से अलग कर देगा, बल्कि यह रूस से जुड़े क्रीमिया और रूसी भाषी डोनबास क्षेत्र के बीच सीधा संबंध भी बनाएगा।

खेरसॉन की आबादी 280,000 है और यह अब तक रूसी सेना के अधीन आने वाला सबसे बड़ा शहर है। यह नीपर नदी के तट पर स्थित है, जिससे क्रीमिया को पानी की आपूर्ति करने वाली महत्वपूर्ण नहरों तक नियंत्रण की सुविधा मिलती है।

4,30,000 की आबादी वाला एक और बड़ा बंदरगाह मारियुपोल है, जहां गोलाबारी और घेराबंदी की जा रही है। बीबीसी ने बताया कि अगर सफलतापूर्वक इस पर कब्जा कर लिया जाता है, तो रूस पूर्वी यूक्रेन और क्रीमिया के बीच एक सीधा संबंध स्थापित कर लेगा, जो कि पहले से ही रूसी-नियंत्रित क्षेत्र हैं।

क्रीमिया यूक्रेन का एक रूसी भाषी हिस्सा है जिस पर 2014 में मॉस्को द्वारा कब्जा कर लिया गया था। यह वह जगह है जहां रूस ने एक सप्ताह पहले इस दक्षिणी आक्रमण शुरू किया था।

ओडेसा यूक्रेन का तीसरा सबसे बड़ा शहर और काला सागर पर देश की सबसे महत्वपूर्ण बंदरगाह है, साथ ही एक प्रमुख तेल टर्मिनस भी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक इसके दस लाख निवासी सबसे बुरी लड़ाई से बचे हुए हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि रूस ने पैराट्रूपर लैंडिंग की अलग-अलग रिपोर्ट्स से परे वर्तमान में खेरसॉन के पश्चिम में आगे बढ़ने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया है।

–आईएएनएस

एकेके/एएनएम

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