नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मुफ्त राशन योजना को 6 महीने के लिए बढ़ाने का फैसला किया गया है। यह योजना मार्च 2022 में समाप्त होने वाली थी। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिए गए इस फैसले के बाद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना यानि पीएमजीकेएवाई के अंतर्गत देश के 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को अब सितंबर 2022 तक मुफ्त अनाज मिलता रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए ट्वीट कर कहा, भारतवर्ष का सामथ्र्य देश के एक-एक नागरिक की शक्ति में समाहित है। इस शक्ति को और मजबूती देने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को छह महीने और बढ़ाकर सितंबर 2022 तक जारी रखने का निर्णय लिया है। देश के 80 करोड़ से अधिक लोग पहले की तरह इसका लाभ उठा सकेंगे।
भारत सरकार के इस अहम फैसले की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने एक पोस्टर को अपने ट्वीट के साथ शेयर करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अप्रैल 2022 से सितंबर 2022 तक बढ़ाने के लिए सरकार की स्वीकृति मिल गई है। इस योजना के तहत देश के 80 करोड़ से अधिक नागरिकों को निशुल्क 5 किलो राशन प्रति व्यक्ति, प्रति माह के आधार पर सितंबर 2022 तक मिलता रहेगा।
आपको बता दें कि, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन बांटने में सरकार अब तक 2.60 लाख करोड़ रुपये की राशि खर्च कर चुकी है और अगले छह महीनों में इस पर 80 हजार करोड़ रुपये की राशि और खर्च होना है यानि पीएमजीकेएवाई के तहत केंद्र सरकार का कुल खर्च 3.40 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा।
सरकार का यह मानना है कि भले ही कोविड-19 महामारी काफी हद तक समाप्ति की ओर है और आर्थिक गतिविधियां जोर पकड़ रही है लेकिन इसके बावजूद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना यह सुनिश्चित करेगा कि देश में कोई भी भूखा न रहे। इस योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को एनएफएसए के तहत मिलने वाले खाद्यान्न के अपने सामान्य कोटे के अलावा प्रति व्यक्ति, प्रति माह अतिरिक्त 5 किलो मुफ्त राशन मिलता है।
सरकार ने कोविड महामारी के दौर में भी किसानों को अब तक के सबसे अधिक भुगतान और अनाजों के सबसे अधिक खरीद की बात कहते हुए रिकॉर्ड उत्पादन के लिए भारतीय किसानों को बधाई दी है।
–आईएएनएस
और भी हैं
झांसी हादसा : एक हादसे ने छीन ली 10 जिंदगियां, चिल्ड्रन वार्ड कैसे बना बच्चों की ‘कब्रगाह’ ?
जर्मनी में 3.2 मिलियन बुजुर्गों पर बढ़ा गरीबी का खतरा
झांसी अस्पताल हादसा : सीएमएस ने बताया, ‘एनआईसीयू वॉर्ड में लगी आग, ज्यादातर बच्चे ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे