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ज्ञान मनुष्य का तीसरा नेत्र है और पुस्तकालय ज्ञान का सागर है : प्रो. धनंजय जोशी

नयी दिल्ली: दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस पर आयोजित पैनल चर्चा ‘’द टर्निंग पेज: प्रिंट, ऑनलाइन एंड कॉपीराइट इश्यूज ‘ के उद्घाटन अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद प्रो. धनंजय जोशी, कुलपति, दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय ने कहा कि भारत वह राष्ट्र है जिसने नालंदा ,तक्षशिला जैसे अखंड पुस्तकालयों के माध्यम से कई विद्वानों को जन्म दिया उन्होंने कहा कि ज्ञान मनुष्य का तीसरा नेत्र है और पुस्तकालय ज्ञान का सागर है उन्होंने दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के रचनात्मक प्रयासों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और इस प्रयास में महानिदेशक डॉ आर के शर्मा की अग्रणी भूमिका के लिए उन्हें और उनकी टीम को बधाई दी

उन्होंने जन आंदोलन में पुस्तकालयों की अहम भूमिका बताई और इस डिजिटल युग में बच्चों में पुस्तकों के प्रति रुझान पैदा करने को समय की आवश्यकता बताया समारोह का आयोजन दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी, केंद्रीय पुस्तकालय, डॉ. श्यामा प्रसाद मुख़र्जी मार्ग  में  किया

अपने स्वागत भाषण में दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के महानिदेशक डॉ० आर के शर्मा ने यूनेस्को एवं दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के इतिहास को साँझा करते हुए दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के इतिहास , सदस्यता , उपलब्ध आकर्षक सेवाओं एवं बढ़ते संसाधनों से अवगत कराया उन्होने बदलते परिवेश के साथ दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के स्वरूप में सकारात्मक परिवर्तन एवं इसकी बढ़ती हुई लोकप्रियता पर गर्व का अहसास कराया उन्होंने बताया कि सिविल सर्विसेज की परीक्षा देने वाले उम्मीदवार पुस्तकालय से लाभान्वित हो रहे है पैनेलिस्ट डॉ नबी हसन, लाइब्रेरियन और प्रमुख, केंद्रीय पुस्तकालय, आई.आई.टी. दिल्ली ने पीपीटी के माध्यम से पुस्तकालय क्षेत्र में हो रहे नवीन प्रयोगों से अवगत कराया डॉ. राजेश सिंह, यूनिवर्सिटी लाइब्रेरियन, दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कॉपी राइट्स से संबंधित बारीकियों पर प्रकाश डालते हुए लेखक के अधिकारों को संरक्षण देने का सशक्त माध्यम बताया डॉ. एस.के. अरोड़ा, पूर्व यूनिवर्सिटी लाइब्रेरियन इग्नू ने विभिन्न क्रिप्टेड सिंबल्स के प्रयोग से श्रोताओं को अवगत कराया उन्होंने श्रोताओं को कॉपीराइट कार्यों उपयोग के दौरान ध्यान दिए जाने वाले विभिन्न पहलुओं जैसे कि लेखक को श्रेय देना आदि पर भी चर्चा की ,विशिष्ट अतिथि एरिक फाल्ट, निदेशक और यूनेस्को प्रतिनिधि, नई दिल्ली ने विश्व पुस्तक एवं कॉपी राइट दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पुस्तक एक शक्तिशाली हथियार है जिससे अज्ञान के अँधेरे से लड़कर प्रकाश की नई किरण को छू सकते है उन्होंने कहा कि ये पुस्तक ;ही थी जिसने करोना काल में हमारे अकेलापन दूर करने का काम किया इस पैनल चर्चा को मॉडरेट कर डॉ. आर.के. चड्ढा, टैगोर नेशनल फेलो और पूर्व अपर सचिव, भारतीय संसद ने कार्यक्रम को सफल और गरिमामय बना दिया कार्यक्रम संयोजन में उर्मिला रौतेला, सहायक पुस्तकालय एवं सूचना अधिकारी , दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी ने उल्लेखनीय योगदान देकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया

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