नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार ने एमसीडी के स्कूलों के लिए ग्रांट इन ऐड के तहत इस साल 1700 करोड़ रूपये आवंटित किए हैं। इसके तहत पहली तिमाही के लिए आज 400 करोड़ रुपये जारी किए हैं। मेयर शैली ओबरॉय के साथ प्रेसवार्ता करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली के बच्चों को अच्छी शिक्षा देना हमारा वादा है,उसे निभाते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मार्गदर्शन में अब एमसीडी के स्कूलों में पढ़ रहे 9 लाख बच्चों को भी शानदार शिक्षा मिलेगी। जिस तरह से दिल्ली सरकार के स्कूलों में बदलाव आए अब वैसे ही बदलाव एमसीडी के स्कूलों में भी आयेंगे। मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने एमसीडी स्कूलों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए जो फंड आवंटित किया है, उससे निगम स्कूलों में सुधार लाने में बड़ी मदद मिलेगी।
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी और मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने दिल्ली सचिवालय में आज महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि केजरीवाल सरकार के लिए शिक्षा हमेशा से पहली प्राथमिकता रही है। आम आदमी पार्टी ने सरकार में आने के बाद से ही बजट का सबसे बड़ा हिस्सा शिक्षा को ही दिया गया है। दिल्ली में ज़्यादातर प्राथमिक स्कूल (पांचवी तक के) एमसीडी के अंतर्गत आते हैं। पिछली सरकारों में एमसीडी स्कूलों पर ध्यान नहीं दिया गया। इसका नतीजा रहा कि एमसीडी के स्कूलों से जो बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में कक्षा 6 में आते हैं, उनमें से बहुत से बच्चों को पढ़ना-लिखना भी नहीं आता है।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के हर बच्चे को शानदार शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में हम एमसीडी के स्कूलों को भी शानदार बनाएंगे। एमसीडी स्कूलों का काम पहली से पांचवीं तक के बच्चों की बुनियादी शिक्षा को मजबूत करना है। इस ओर काम करते हुए हम अब एमसीडी के स्कूलों में पढ़ने वाले दिल्ली के 9 लाख बच्चों को शानदार शिक्षा देंगे। दिल्ली के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का हमारा वादा है। उसे निभाते हुए इस साल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने एमसीडी के स्कूलों को ग्रांट इन ऐड के तहत बजट मुहैया करवा रही है। हम चाहते हैं कि जिस तरह से दिल्ली सरकार के स्कूलों में बदलाव आया है ठीक वैसे बदलाव और सुधार एमसीडी के स्कूलों में भी आयें।
शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि हम रोज समस्याएं देखते है कि एमसीडी के शिक्षक धरने पर बैठे है। उन्हें तनख्वाह नहीं मिली है। एमसीडी के स्कूलों में सफाई नहीं होती है और बच्चों के बैठने के लिए डेस्क नहीं है। इन सब समस्याओं का जबाव आता था कि एमसीडी के पास पैसे नहीं हैं। इस समस्या को दूर करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के प्रयासों की वजह से इस बार एमसीडी के स्कूलों को 1700 करोड़ का फंड दिया जायेगा। इसकी पहली तिमाही के लिए आज 400 करोड़ रूपये का फंड जारी किया जा रहा है। इससे एमसीडी स्कूलों के फंड की समस्या दूर हो जाएगी। अब हम एमसीडी के स्कूलों को भी दिल्ली सरकार के स्कूलों की तरह वर्ल्ड क्लास बनायेंगे।
इस मौके पर मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने कहा कि दिल्ली सरकार, सीएम अरविंद केजरीवाल जी और शिक्षा मंत्री आतिशी जी की एमसीडी आभारी है। इन्होंने इतना बड़ा फंड एमसीडी स्कूल को आज दिया है। शिक्षा हमेशा से आम आदमी पार्टी की प्राथमिकता रही है। बाबा साहब अंबेडकर के विचारों पर चलते हुए हमारा मानना है कि शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जो राष्ट्र निर्माण करते हुए पूरे समाज को शिक्षित बनाकर तरक्की की तरफ ले जा सकता है। पूरी दिल्ली के अंदर एमसीडी के करीब 1500 स्कूल हैं। जिनमें लगभग 9 लाख बच्चे पढ़ते हैं। इन स्कूलों में करीब 19 हजार शिक्षक हैं।
उन्होंने कहा कि जब हमने एमसीडी स्कूलों का दौरा किया तो पाया कि एमसीडी के अधिकतर स्कूल बहुत ही जर्जर स्थिति में हैं। जिन्हें मरम्मत की बेहद जरुरत है। एमसीडी के स्कूल बहुत-सी कमियों से जूझ रहे हैं, जैसे स्कूल में सीसीटीवी कैमरों का अभाव है। बच्चों के लिए डेस्क नही हैं। कई स्कूलों में टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है। कहीं पीने का पानी नहीं है तो कहीं क्लासरूम टूटे हुए हैं। साथ ही एमसीडी स्कूलों में मैन पॉवर की भारी कमी है। इसके कारण टीचर के ऊपर ही काम का दबाव आ जाता है। वह बच्चे के बेहतरी के लिए कुछ ख़ास नहीं कर पाते हैं।
मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने कहा कि आज बहुत खुशी की बात है कि दिल्ली सरकार ने एमसीडी स्कूलों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए जो फंड आवंटित किया है, उससे निगम के स्कूलों में सुधार लाने में बहुत मदद मिलेगी। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के तर्ज़ पर ही एमसीडी के स्कूलों को भी विश्वस्तरीय शिक्षा बनाया जायेगा।
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