✅ Janmat Samachar.com© provides latest news from India and the world. Get latest headlines from Viral,Entertainment, Khaas khabar, Fact Check, Entertainment.

सुप्रीम कोर्ट ने राहुल को दोषी करार देने वाले सीजेएम समेत गुजरात के 68 न्यायिक अधिकारियों का प्रोमोशन रोका

 दिल्ली| सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी करार देने वाले जज हरीश हसमुखभाई वर्मा समेत गुजरात के 68 निचले न्यायिक अधिकारियों का प्रोमोशन रोक दिया है। जस्टिस एम.आर. शाह और सी.टी. रविकुमार ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा जारी की गई सूची और उसके बाद राज्य सरकार द्वारा जिला न्यायाधीशों को पदोन्नति देने का आदेश अवैध और इस अदालत के फैसले के विपरीत है।

पीठ ने पदोन्नति पर रोक लगाते हुए अंतरिम आदेश पारित किया और कहा कि इस मामले की सुनवाई एक उपयुक्त पीठ द्वारा की जानी चाहिए क्योंकि न्यायमूर्ति शाह 15 मई को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

शीर्ष अदालत ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों की पदोन्नति ने 2011 में संशोधित गुजरात राज्य न्यायिक सेवा नियम 2005 का उल्लंघन किया। नियमों के अनुसार, योग्यता-सह-वरिष्ठता के सिद्धांत और उपयुक्तता परीक्षण पास करने के बाद ही पदोन्नति की जानी चाहिए।

पीठ ने पदोन्नति सूची के कार्यान्वयन पर रोक लगाते हुए संबंधित जजों को उनके मूल पदों पर भेज दिया, जिन पर वे अपनी पदोन्नति से पहले काम कर रहे थे।

शीर्ष अदालत का आदेश वरिष्ठ सिविल जज कैडर के अधिकारियों रविकुमार महेता और सचिन प्रतापराय मेहता की याचिका पर आया, जिसमें जिला न्यायाधीशों के उच्च कैडर में 68 न्यायिक अधिकारियों के चयन को चुनौती दी गई थी।

शीर्ष अदालत ने 28 अप्रैल के अपने आदेश में कहा था: यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तथ्य के बावजूद कि प्रतिवादी, विशेष रूप से राज्य सरकार, वर्तमान कार्यवाही से अवगत थी और ..इसके बावजूद राज्य सरकार ने वर्तमान कार्यवाही में इस अदालत द्वारा जारी नोटिस की प्राप्ति के बाद 18 अप्रैल 2023 को पदोन्नति आदेश जारी किया है।

खंडपीठ ने कहा, हम उस जल्दबाजी और हड़बड़ी की सराहना नहीं करते हैं जिसमें राज्य ने 18 अप्रैल 2023 को पदोन्नति आदेश को मंजूरी दी और पारित किया। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि चयन वर्ष 2022 का था और इसलिए पदोन्नति आदेश पारित करने में कोई असाधारण जल्दबाजी नहीं थी और वह भी तब जब यह मामला अदालत में था।

सूरत के सीजेएम वर्मा वर्तमान में गुजरात सरकार के कानूनी विभाग में अवर सचिव और राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण में सहायक निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।

शीर्ष अदालत ने दो न्यायिक अधिकारियों की याचिका पर 13 अप्रैल को राज्य सरकार और गुजरात उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी किया था।

शीर्ष अदालत ने अपने 28 अप्रैल के आदेश में कहा था, हमारी प्रथम ²ष्टया यह राय है कि यह अदालत की प्रक्रिया और वर्तमान कार्यवाही को दरकिनार करने के अलावा और कुछ नहीं है। राज्य सरकार के सचिव को पदोन्नति देने और 18 अप्रैल 2023 की अधिसूचना जारी करने के मामले में दिखाई गई असाधारण तात्कालिकता को स्पष्ट करना चाहिए।

–आईएएनएस

About Author