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गोलमेज सम्मेलन में कौशल विकास और नवाचार संचालित उद्यमिता के माध्यम से कश्मीर की दोहन न की गई क्षमता का लाभ उठाने के लिए रोडमैप तैयार किया गया

नई दिल्ली: नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (एनआईएफ) – इंडिया, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार का एक स्वायत्त निकाय है। इसने कश्मीर विश्वविद्यालय और एनआईएफ इनक्यूबेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप काउंसिल – निफ़िएंट्रेक के सहयोग से  श्रीनगर में एक कार्यशाला का आयोजन किया। इसका उद्देश्‍य घाटी में विशेष रूप से नवाचार और उद्यमिता इकोसिस्‍टम को सक्षम बनाने वाले सभी हितधारकों को ऑन-बोर्ड करना है।

कई संगठनों के हितधारकों ने “उद्यमशीलता उन्‍नति के माध्‍यम से समावेशी विकास (आईडीईए)” शीर्षक वाले एक दिवसीय गोलमेज सम्‍मेलन में अर्जित प्रमुख उपलब्धियों से हासिल चुनौतियों और सबक के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर की दोहन नहीं की गई क्षमता का लाभ उठाते हुए नवाचार और उद्यमशीलता के माध्यम से प्रगति और विकास की संभावनाओं को बेहतर बनाने के रोडमैप पर विचार-विमर्श किया।

एनआईएफ के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. विपिन कुमार ने कहा कि अब समय आ गया है जब उद्यमी इकोसिस्टम निर्माताओं के सहयोग से तेजी से प्रगति करने के लिए अपनी सीमाओं से भी आगे बढ़ सकते हैं और इस प्रक्रिया के दौरान अपनी क्षमता का भी बेहतर तरीके से उपयोग कर सकते हैं।

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एनईबी प्रभाग के प्रमुख डॉ. प्रवीण रॉय ने इस बात पर जोर दिया कि आधुनिक स्टार्टअप अपने व्यवसायों को आगे बढ़ाने में विश्वास करते हैं न कि असफलता का लेबल लगवाने में।

अमेज़ॅन इंडिया के उपाध्यक्ष श्री चेतन कृष्णास्वामी ने बताया कि जीवंत जम्मू और कश्मीर उन उद्यमियों का घर है जिनमें हमारे कारीगर, सहेली और ग्लोबल सेलिंग जैसे हमारे प्रमुख कार्यक्रमों का हिस्सा बनकर शीर्ष वैश्विक ब्रांड बनाने की प्रतिभा मौजूद है।

कश्मीर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. निसार अहमद मीर ने प्रतिभागियों को घाटी में नवाचार को मजबूत बनाने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा शुरू की गई अभी हाल की महत्वपूर्ण पहलों के बारे में जानकारी दी।

जमीनी स्तर के नवप्रवर्तकों ने अपनी कुछ उपलब्धियों और अपने-अपने व्यवसायों में प्रगति हासिल करने में आ रही चुनौतियों के बारे में भी बातचीत की। औपचारिक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले उद्यमी जीआर8 स्पोर्ट्स इंडिया और अन्य उद्यमियों ने भी अपनी बढ़ती हुई अपेक्षाओं को साझा किया, जो विशेष रूप से पहली पीढ़ी के उद्यमियों द्वारा ईज़ ऑफ डुइंग बिजनेस के परिप्रेक्ष्‍य में उनके संचालित उद्यमों के सामने आ रही हैं। उन्‍होंने यह भी बताया कि इसके लिए क्‍या कदम उठाये जाने की जरूरत है ताकि अंतराल से निपटने और लचीलापन बनाने के लिए तालमेल स्‍थापित किया जा सके।

गोलमेज सम्मेलन ने श्रोताओं को अच्‍छा माहौल प्रदान किया, जिसमें लाभार्थी विभिन्न योजनाओं, सुविधाओं, प्रोत्साहनों आदि तक पहुंच और लाभ उठाने के संबंध में अपने-अपने अनुभव को साझा कर सकते थे और उसी प्रकार इस सम्‍मेलन में घाटी के और घाटी के बाहर के कई संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्‍होंने मंत्रालयों और सरकारी संगठनों (केंद्रीय/राज्य/स्थानीय), वित्तीय संस्थानों, मार्केट प्‍लेस, निवेशक सेवा संगठनों, प्रौद्योगिकी व्यवसाय इन्क्यूबेटरों, मीडिया, उद्यमियों और इनोवेटर्स (विशेष रूप से जमीनी स्तर पर) जैसे कार्य क्षेत्र की श्रृंखला का प्रतिनिधित्‍व किया।

गोलमेज सम्मेलन के मुख्य निष्कर्षों में जागरूकता पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है जो अक्सर किसी भी इन्‍क्‍यूवेशन गतिविधि, वित्तीय साक्षरता और क्षमता निर्माण, डेटा संचालित अभिज्ञान का लाभ उठाने, बी-प्लान और अन्य युवा संवेदीकरण गतिविधियों का आयोजन करने, नए इक्विटी आधारित वित्तपोषण मॉडल पर पहुंचना, सूचना के प्रसार के लिए केस स्टडी आधारित मॉडल को मजबूत बनाना, हितधारकों की विशेषज्ञता का मानचित्रण करना, स्टेटअप को आगे बढ़ाने जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर सलाह देने की सुविधा प्रदान करने के प्रारंभिक बिंदु है|

इस सम्‍मेलन में भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी); भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी); अमेज़न इंडिया; कश्मीर विश्वविद्यालय; स्कुअस्ट, कश्मीर; पत्र सूचना कार्यालय – पीआईबी, भारत सरकार; जम्मू और कश्मीर उद्यमशीलता विकास संस्थान (जेकेईडीआई); जेएंडके ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन (जेकेटीपीओ), खेल – जीआर8 स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड जैसे क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और उन्‍होंने अपने अनुभव साझा करते हुए घाटी में नवाचार और उद्यमिता के प्रोफाइल को बढ़ाने के तौर-तरीकों के बारे में अपनी सिफारिशें भी साझा कीं।

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