दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी (डीईटीयू) ने 8 से 12 जनवरी 2024 तक ऑनलाइन मोड में “विकसित भारत @2047 के आलोक में भारतीय ज्ञान परंपरा के नूतन आयाम” पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक शिक्षक विकास एवं संवर्धन कार्यक्रम की घोषणा की है। डी.ई.टी.यू द्वारा आयोजित इस ऑनलाइन कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसरण में यू.जी. सी के निर्देशों के अनुरूप पारंपरिक भारतीय ज्ञान और समकालीन शिक्षा के बीच अंतर को पाटना है। कार्यक्रम का आयोजन माननीय कुलपति (डी.ई.टी.यू) प्रोफेसर धनंजय जोशी के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। इसके उद्घाटन सत्र में प्रमुख “शिक्षाविद और पूर्व एनसीईआरटी के निदेशक प्रोफेसर हृषिकेश सेनापति मुख्य अतिथि होंगे।
सप्ताह भर के इस कार्यक्रम के दौरान, विभिन्न प्रसिद्ध शिक्षाविद् भारतीय ज्ञान प्रणाली के सिद्धांतों, अवधारणाओं, और दायरे पर अंतर्दृष्टि साझा करेंगे।कार्यक्रम भारतीय ज्ञान प्रणाली के ऐतिहासिक विकास की पड़ताल करेगा, जिसमें इसकी महत्वपूर्णता को वर्तमान शिक्षा परिदृश्य में बताया जाएगा। मुख्य आकर्षण में वेदों, उपनिषदों, दर्शन, गुरुकुल शिक्षा प्रणाली और आधुनिक कक्षाओं में पारंपरिक शिक्षण विधियों के अनुकूलन पर सत्र शामिल हैं। इस आयोजन की संकल्पना के पीछे प्रमुख सदस्य सुश्री त्रिशला भास्कर (सहायक प्रोफेसर, डी.ई.टी.यू) और डॉ. सोनल छाबरा (सहायक प्रोफेसर, डी.ई.टी.यू) हैं। इस शिक्षक विकास प्रोग्राम में शिक्षकों के लिए एक अद्वितीय अवसर है जो भारतीय ज्ञान प्रणालि की समृद्ध “परंपरा को अन्वेषित करने और उनकी शिक्षण पद्धतियों को विकसित भारत @2047 पहल के आदर्श के साथ समर्थित करने का एक अद्वितीय अवसर है।
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