नई दिल्ली, 16 मार्च । ‘मिशन पाम ऑयल’ के तहत शनिवार को अरुणाचल प्रदेश में देश की पहली एकीकृत ऑयल पाम प्रसंस्करण इकाई का परिचालन शुरू हो गया।
दरअसल, भारत वर्तमान में कुल खाद्य तेल का 57 प्रतिशत विदेशों से आयात करता है। ऐसे में नरेंद्र मोदी सरकार का लक्ष्य है कि देश में तिलहन और पाम तेल को बढ़ावा देकर खाद्य तेल के उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाया जाए।
3एफ ऑयल पाम कंपनी अपनी शुरुआत के साथ कई तरह की नौकरी के अवसरों को पैदा करने वाला और क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की शुरुआत करने वाला है। इस संयंत्र के शुरू होने से स्थानीय लोग बहुत खुश हैं क्योंकि इससे उनके लिए नौकरियों और रोजगार सृजन के कई अवसर पैदा होंगे।
इसको लेकर वहां के स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि “कारखाना ग्रामीणों के लिए रोजगार पैदा करेगा, हम यहां काम कर सकते हैं और अपनी आजीविका के लिए पैसा कमा सकते हैं।”
एक अन्य ग्रामीण ने क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने और रोजगार के ऐसे अवसर पैदा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया।
विशेष रूप से, यह अरुणाचल प्रदेश में पहली ऑयल पाम फैक्ट्री है। इसके साथ ही यह राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम(एनएमईओ-ओपी) के तहत भी भारत की पहली ऑयल पाम फैक्ट्री है।
9 मार्च को अरुणाचल प्रदेश में विकसित भारत-विकसित पूर्वोत्तर कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पाम ऑयल इकाई का उद्घाटन किया था और खाद्य तेल में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने के लिए उत्तर-पूर्व पर विशेष ध्यान देने के साथ मिशन ऑयल पाम पर सरकार के फोकस के बारे में भी बताया था।
उन्होंने कहा था, “मिशन ऑयल पाम खाद्य तेल क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाएगा और किसानों की आय को बढ़ाएगा।” इसके साथ ही उन्होंने ताड़ (पाम) की खेती करने के लिए किसानों का आभार व्यक्त किया।
एनएमईओ-ओपी अगस्त 2021 में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य पाम तेल की खेती को बढ़ाना और 2025-26 तक पाम तेल उत्पादन को 11.20 लाख टन तक करने का लक्ष्य है। एनएमईओ-ओपी ने पाम ऑयल के प्रसार के लिए 11,040 रुपये के कुल राष्ट्रीय बजट में से विशेष रूप से उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लिए 5,870 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसमें केंद्र सरकार 90 फीसदी योगदान करेगी। ऑयल पाम मिशन को रणनीतिक रूप से नए भौगोलिक क्षेत्रों में ताड़ की खेती को बढ़ावा देने और किसानों को व्यापक सहायता प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है।
उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (एनईआर) खाद्य तेल उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, क्योंकि पाम ऑयल उत्पादन का दायरा 6 एनईआर राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा तक फैला हुआ है। यहां कुल 8.4 लाख हेक्टेयर भूमि पर पाम उगाया जाता है, जो देश के कुल पाम उत्पादन का 38% है।
इसके लिए इस क्षेत्र में 30 से अधिक नर्सरी स्थापित की जा चुकी है। एनएमईओ-ओपी के तहत, किसानों को इस खेती से जुड़ी तमाम व्यवस्थाओं के साथ चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रति हेक्टेयर 1,00,000 रुपये की विशेष सहायता दी जाती है। इसके अलावा यह मिशन किसानों को ताड़ की खेती में प्रयुक्त कटाई उपकरणों की खरीद के लिए 2,90,000 रुपये भी प्रदान कर रहा है। बता दें कि राष्ट्रीय मिशन- ऑयल पाम (एनएमईओ-ओपी) योजना वर्तमान में देशभर के 15 राज्यों में जारी है।
–आईएएनएस
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