✅ Janmat Samachar.com© provides latest news from India and the world. Get latest headlines from Viral,Entertainment, Khaas khabar, Fact Check, Entertainment.

New Delhi: Delhi CM Arvind Kejriwal being brought out of ED office to be taken to Rouse Avenue Court, in New Delhi,Thursday, March 28, 2024.His ED custody in liquor policy case ends today.(IANS)

दिल्ली हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली सीएम केजरीवाल की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

नई दिल्ली, 3 अप्रैल। दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्पाद शुल्क नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा की पीठ ने केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।

सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कहा कि आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होने के तुरंत बाद आप के राष्ट्रीय संयोजक की गिरफ्तारी लोकतांत्रिक गतिविधियों में उनकी भागीदारी को रोकने और उनकी राजनीतिक पार्टी को कमजोर करने के लिए थी।

उन्होंने कहा कि यह दिखाने के लिए कोई सामग्री नहीं है कि अपराध की कमाई केजरीवाल के पास है।

दूसरी ओर, एएसजी राजू ने कहा कि ईडी की जांच शुरुआती चरण में है और केजरीवाल द्वारा दायर याचिका को खारिज करने की प्रार्थना करते हुए कहा कि अगर राजनीति में शामिल किसी आरोपी व्यक्ति को चुनाव के दौरान गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए तो यह एक फर्जी तर्क होगा।

उन्होंने कहा, “मान लीजिए कि कोई राजनीतिक व्यक्ति चुनाव से दो दिन पहले हत्या कर देता है, तो इसका मतलब है कि उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता? अपराधियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और जेल में डाला जाना चाहिए।”

ईडी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को दिल्ली सरकार के अन्य मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य व्यक्तियों की मिलीभगत से कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले का “सरगना और मुख्य साजिशकर्ता” करार दिया है।

अपनी याचिका में केजरीवाल ने दलील दी कि उनकी गिरफ्तारी और ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित रिमांड आदेश अवैध था और वह तुरंत हिरासत से रिहा होने के हकदार थे। ईडी ने केजरीवाल को दिल्ली में उनके आधिकारिक आवास पर दो घंटे से अधिक समय तक पूछताछ करने के बाद 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था कि किसी मामले का फैसला करते समय प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए दोनों पक्षों को निष्पक्ष रूप से सुनना उसका कर्तव्य है।

–आईएएनएस

About Author