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आम बजट : ग्रामीण विकास पर जोर, किसानों की आय होगी दोगुनी

 

नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को ग्रामीण भारत पर विशेष जोर देने की बात की और कहा कि अगले 5 सालों में किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में किसानों को 10 लाख करोड़ रुपये ऋण के रूप में दिए जाएंगे, जिसपर 60 दिनों तक कोई ब्याज नहीं चुकाना होगा। वित्त मंत्री ने संसद में आम बजट पेश करते हुए कहा कि नाबार्ड के माध्यम से छोटे और सीमांत किसानों के लिए अगले तीन सालों में 1900 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। किसानों को कृषि उत्पादों की सफाई और पैकेजिंग के लिए 75 लाख रुपये दिए जाएंगे। दुग्ध उत्पादों के प्रसंस्करण के लिए डेयरी प्रोसेसिंग इंफ्रा फंड की स्थापना की जाएगी।

 

उन्होंने कहा कि मनरेगा (महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार योजना) के आवंटन में वृद्धि की गई है और अब तक का सबसे अधिक 48,000 करोड़ रुपये जारी किया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 19,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इस योजना के तहत वित्त वर्ष 2016-17 में 133 किलोमीटर सड़क का प्रतिदिन निर्माण किया गया, जबकि वित्त वर्ष 2015-16 में यह 73 किलोमीटर प्रतिदिन थी। मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी बढ़कर 55 फीसदी हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता में 2014 में 42 फीसदी सुधार हुआ था जो अब बढ़कर 60 फीसदी हो चुका है।

 

पीएम मुद्रा योजना के तहत वित्त की कमी से जूझ रहे शिशु, किशोर और तरुणों को ऋण मुहैया कराने के लिए 2.44 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत 16,000 से ज्यादा नए उद्यम स्थापित हुए हैं। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि भारत डिजिटल क्रांति के मुहाने पर खड़ा है। भीम एप को बढ़ावा देने के लिए दो नई योजनाएं शुरू की जा रही है। अब तक 125 लाख लोगों ने भीम एप को अपनाया है, साथ ही अतिरिक्त 10 लाख प्वाइंट ऑफ सेल मशीनें भी लगाई गई हैं।

 

वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्य डाकघर में अब पासपोर्ट सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएगी। सैन्यकर्मियों के लिए केंद्रीकृत सैन्य यात्रा प्रणाली को विकसित किया गया है, जिससे वे टिकटों की बुकिंग कर पाएंगे। रक्षा मंत्रालय के पूंजीगत खर्च में 9.3 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। पिछले साल यह 78,000 करोड़ रुपये था, जिसे बढ़ाकर 86,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

 

वित्त मंत्री ने कहा कि साल 2019 तक 1 करोड़ घरों के निर्माण का लक्ष्य रखा है। इसके लिए पिछले साल 15,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, जिसे बढ़ाकर इस वित्त वर्ष में 23,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। ग्रामीण इलाकों में रोजगार और बुनियादी संरचनाएं मुहैया कराई जाएगी। 2019 तक 50,000 ग्राम पंचायतों को गरीबीमुक्त कर दिया जाएगा।

 

वित्त मंत्री ने कहा कि महिलाओं और बच्चों के लिए मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए आवंटन 1.56 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.84 लाख करोड़ कर दिया गया है। सरकार मेडिकल शिक्षा और प्रैक्टिस के लिए जरूरी कदम उठाने को प्रतिबद्ध है। हमें देश में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की जरूरत है, इसके लिए मेडिकल की सीटों की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी।

 

उन्होंने कहा कि झारखंड और गुजरात में दो नए एम्स की स्थापना की जाएगी। देश को 2025 तक टीबी मुक्त कर दिया जाएगा। शिशु मृत्यु दर को 2018 में कम कर 34 तक और 2019 में कम कर 28 तक लाने की योजना है। कालजार और फाइलेरिया जैसी बीमारियों को 2017 तक और कुष्ठ रोग को 2018 तक और खसरा को 2020 तक खत्म करने के लिए कार्ययोजना बनाई गई है।

 

इस साल से रेल बजट को आम बजट के साथ ही मिला दिया गया है। वित्त मंत्री ने रेलवे के लिए कुल 1,31,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि उनका जोर मुख्य रूप से सुरक्षा, स्वच्छता और विकास और लेखा सुधारों पर है। कम से कम 25 रेलवे स्टेशनों का विशेष विकास किया जाएगा, 500 रेलवे स्टेशनों को दिव्यांगों की सुविधा को ध्यान में रखकर विकसित किया जाएगा। अगले पांच सालों में एक लाख करोड़ रुपये की रेल सुरक्षा फंड का सृजन किया जाएगा। अब आईआरसीटीसी बुकिंग पर सेवा शुल्क नहीं देना होगा। 2019 तक रेल के सभी डिब्बों में बायोटॉयलेट लगा दिए जाएंगे। मेट्रो रेल के लिए एक नई नीति बनाई जाएगी जिसमें मुख्य रूप से अभिनव कोष जुटाने पर ध्यान दिया जाएगा।

 

वित्त मंत्री राष्ट्रीय राजमार्गो के लिए 64,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया तथा अन्य बुनियादी संरचनाओं में भारी निवेश की घोषणा की। अवसंरचना क्षेत्र को 3,96 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया। भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स का उत्पादन हब बनाने के लिए 745 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2017-18 में एफआईपीबी (विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड) को भंग करने का फैसला किया गया है। यातायात क्षेत्र को 2.41 करोड़ रुपये और भारत नेट परियोजना को 10,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। 50 लाख ग्राम पंचायतों में हाईस्पीड ब्रॉडबैंड और हॉट स्पॉट की सुविधा बेहद कम शुल्क में दी जाएगी। जेटली ने कहा कि साइबर सुरक्षा के लिए एक कंप्यूटर इमर्जेसी रेस्पांस दल का गठन किया जाएगा।

(आईएएनएस)

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