नई दिल्ली, 26 जनवरी । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए केंद्र सरकार की नीतियों पर हमला बोला। दो पन्ने के खत में उन्होंने संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने पर जोर दिया। खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मेरे प्यारे साथी नागरिकों, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से मैं आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। इस वर्ष हम भारतीय गणतंत्र की आत्मा भारत के संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे कर रहे हैं।” खड़गे ने एक्स पर संदेश साझा करते हुए संविधान निर्माताओं, वैज्ञानिकों, कृषकों को याद किया। उन्होंने लिखा “हम महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, बाबासाहेब डॉ. बीआर अंबेडकर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, मौलाना आजाद, सरोजिनी नायडू और कई अन्य लोगों को नमन करते हैं, जिन्होंने हमारे महान गणतंत्र को आकार देने में अथक योगदान दिया। हम संविधान सभा के प्रत्येक सदस्य का सम्मान करते हैं, जिन्होंने अपनी बुद्धिमता से एक उल्लेखनीय दस्तावेज बनाया, जो हमारे विविध लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व करता है।”
उन्होंने सेना के योगदान की प्रशंसा करते हुए आगे लिखा, “हम अपने सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों और सुरक्षा प्रतिष्ठान के हर सैनिक को सलाम करते हैं, जिन्होंने इस देश की अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने में अनुकरणीय बलिदान दिया है। हम अपने वैज्ञानिकों और शिक्षकों के भी आभारी हैं, जिनका राष्ट्र निर्माण में योगदान अद्वितीय है। उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि हमारा देश ज्ञान और तकनीकी का महाशक्ति बने। हम अपने अन्नदाता, मेहनतकश किसानों के भी ऋणी हैं, जिन्होंने हमारी थाली में भोजन रखा है। हम करोड़ों दिहाड़ी मजदूरों, श्रमिकों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं, क्योंकि वे ही वो हाथ हैं जो ईंट दर ईंट भारत का निर्माण कर रहे हैं। हम उन सभी कलाकारों, लेखकों और खिलाड़ियों को भी धन्यवाद देना चाहते हैं, जिन्होंने हमारे देश की जीवंत सांस्कृतिक विविधता की रक्षा और निर्माण में इतना योगदान दिया है।” इसके बाद खड़गे ने विभाजनकारी ताकतों पर हमला बोला जो उनके मुताबिक देश के लिए ठीक नहीं है। लिखा, “विश्वविद्यालयों और स्वशासी संस्थाओं में लगातार घुसपैठ हो रही है। मीडिया का एक बड़ा हिस्सा सत्ताधारी दल के प्रचार-प्रसार का साधन बन गया है। विपक्षी नेताओं को निशाना बनाकर असहमति का गला घोंटना सत्ता में बैठे लोगों की एकमात्र नीति बन गई है।
पिछले एक दशक में धार्मिक कट्टरवाद में डूबे एक शातिर, घृणित एजेंडे ने हमारे समाज को विभाजित करने की कोशिश की है। अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। कमजोर वर्गों- एससी, एसटी, ओबीसी, गरीब और अल्पसंख्यकों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है। उनके खिलाफ अत्याचार और अनसुनी हिंसा आम बात हो गई है। मणिपुर 21 महीने से जल रहा है, लेकिन सत्ता के शीर्ष पर कोई जवाबदेही नहीं है। आर्थिक असमानता भयावह अनुपात तक बढ़ गई है। देश के बहुमूल्य संसाधनों को अपने करीबी अरबपति मित्रों को सौंप दिया जा रहा है।” खड़गे ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा, “जो भी घोटाला सामने आता है, उसे राष्ट्र-विरोधी करार देकर कुचल दिया जाता है। सत्ताधारी दल छद्म राष्ट्रवाद का पालन करता है, क्योंकि वे हमारे वंचित युवाओं को राष्ट्रवाद और धार्मिक वर्चस्व का झंडा ढोने के लिए मजबूर करते हैं, लेकिन उन्हें रोजगार दिलाने के लिए कुछ नहीं करते। राष्ट्र आर्थिक उथल-पुथल के दौर में जी रहा है।” अपनी बातों को विराम देते हुए उन्होंने संविधान की मूल्य भावना को संजोए रखने का आग्रह किया है। लिखा है, “संविधान के हर पवित्र सिद्धांत को एक सत्तावादी शासन द्वारा टुकड़े-टुकड़े किया जा रहा है इसलिए मेरे प्यारे देशवासियों, अब समय आ गया है कि हम अपने संविधान के विचारों और आदर्शों – न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को सुरक्षित रखें।
हम अपने संस्थापकों द्वारा बताए गए मूल्यों को बनाए रखें। संविधान की रक्षा के लिए हर बलिदान देने के लिए तैयार रहें। यही हमारे पूर्वजों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। एक बार फिर, मैं आपको गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। जय बापू, जय भीम, जय संविधान। जय हिंद।”
–आईएएनएस
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