अजमेर, 2 मार्च । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 फरवरी को दिल्ली की सुंदर नर्सरी में आयोजित सूफी संगीत समारोह ‘जहान-ए-खुसरो 2025’ में हिस्सा लिया था। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रमजान की मुबारकबाद दी थी और इस्लाम को भाईचारे का मजहब बताया था। ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के चीफ और ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के वंशज सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने पीएम मोदी के विचारों को “अद्भुत” बताया।
सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि नरेंद्र मोदी जब से प्रधानमंत्री बने हैं, वह सूफी संतों के कार्यक्रमों में जाते रहे हैं। जब वह मुख्यमंत्री थे, तब भी उनका सूफी संतों के प्रति लगाव रहा है। सूफी संतों के प्रति उनकी श्रद्धा हमें कई बार उनके भाषणों में देखने को मिली है। उनके कार्यक्रम में जाने का मैं स्वागत करता हूं, यह सकारात्मक संदेश है।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने रमजान की मुबारकबाद दी है, उसे सभी देशवासी दिल खोलकर स्वीकार करते हैं।
पीएम मोदी ने कार्यक्रम में अमीर खुसरो और सूफी परंपरा की जमकर तारीफ की थी। सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा, “मैंने भी पीएम मोदी का भाषण सुना है, और मुझे यह बहुत पसंद आया। सूफियों के बारे में उन्होंने जो शब्द और विचार व्यक्त किए, वे अद्भुत थे, और जो बात मुझे सबसे ज्यादा पसंद आई, वह यह थी कि उन्होंने सूफीवाद का बहुत अच्छे से अध्ययन किया और अमीर खुसरो की कुछ आयतें उद्धृत कीं। अमीर खुसरो ने हिंदुस्तान की तुलना जन्नत से की थी और पीएम मोदी ने बिल्कुल सही कहा कि हिंदुस्तान जन्नत का वह बगीचा है जहां हर तहजीब के रंग फले-फूले हैं। यही हमारी गंगा-जमुनी तहजीब है कि सूफियों ने हमेशा मोहब्बत-अमन की बात की है। सूफियों ने इस्लाम का सही चेहरा लोगों के सामने लाकर खड़ा किया है, जो मोहब्बत की बात करता है, जो एक-दूसरे से मिलकर रहने की बात करता है।”
यह पूछे जाने पर कि पीएम मोदी के संदेश का मुसलमानों पर क्या असर होगा, ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के चीफ ने कहा कि निश्चित रूप से इसका बहुत सकारात्मक असर होगा। मुसलमानों की सोच पहले जैसी नहीं है। मुसलमान पीएम मोदी के साथ खड़े हैं। वह पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं, 140 करोड़ लोगों के प्रधानमंत्री हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारा देश आगे बढ़ रहा है और एक वैश्विक शक्ति बनने जा रहा है। मुसलमान भी उनके साथ खड़े हैं। पूरे देश के लोगों को पीएम मोदी का भाषण सुनना चाहिए।
सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने पीएम मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात पर सहमति जताते हुए कहा कि भारत का लोकतंत्र दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। सरकार सबके विकास के लिए काम करती है। पीएम मोदी का शुरू से ही ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका सम्मान’ नारा रहा है। मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल और कुछ नेता नहीं चाहते कि मुसलमान पीएम मोदी के करीब आएं। मुसलमान देश के प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के साथ खड़ा है, देश की तरक्की के साथ खड़ा है, देश की एकता-अखंडता के साथ खड़ा है।
देश के आम मुसलमान के पीएम मोदी का विरोधी होने की बात से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग हैं जो इस तरह की तस्वीर पेश करते हैं कि यह सरकार और पीएम मोदी मुस्लिम विरोधी हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। पिछले 10 साल में बहुत विकास हुआ है। इन वर्षों में जितनी योजनाएं केंद्र सरकार की ओर से आज तक आई हैं, उनमें कोई पक्षपात की बात नहीं है। विकास हुआ है, सभी का हुआ है। नौकरियां निकली हैं, सभी के लिए निकली हैं। हिंदुस्तान का मुसलमान किसी के बहकावे में नहीं आने वाला है। हिंदुस्तान का मुसलमान, समझदार और एक जिम्मेदार मुसलमान है। भारत सरकार के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी समझता है।
उन्होंने कहा कि देश का मुसलमान भारत सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए तैयार है। मुसलमान देश की तरक्की के लिए खड़ा है। देश के मुसलमान पीएम मोदी के नेतृत्व को पूरी तरह से स्वीकार करते हैं। पीएम मोदी देश को ग्लोबल लेवल पर ले जा रहे हैं, उसकी जितना सराहना की जाए कम है।
उन्होंने कहा, “पीएम मोदी को मुसलमानों द्वारा आयोजित ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रमों में जाना चाहिए, उनसे रूबरू होने की जरूरत है। इससे अविश्वासी लोगों ने जो गलतफहमियां पैदा कर रखी हैं, वे दूर होंगी। मुझे यकीन है कि पीएम मोदी मुसलमानों के बीच खुलकर जाते भी हैं और आगे भी जाते रहेंगे तथा अपने विचार इसी तरीके से रखते रहेंगे।”
–आईएएनएस
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