✅ Janmat Samachar.com© provides latest news from India and the world. Get latest headlines from Viral,Entertainment, Khaas khabar, Fact Check, Entertainment.

Movie Review: ‘इन गलियों में’ नफरत नहीं मुहब्बत का पैगाम!

क्रिटिक रेटिंग *

इन दिनों फिल्म नगरी में जहां इंडस्ट्री के टॉप बैनर कुछ अलग प्रयोग कर रहे है वहीं ऐसे युवा मेकर्स की भी कमी नहीं जो सिनेमा को एक नई सकारात्मक राह पर अपने दम पर ले जाने में लगे है, इसी कड़ी में अब एक और नाम जुड़ गया है फिल्म ‘अनारकली ऑफ आरा’ से चर्चा में आए निर्देशक अविनाश दास का जिनकी नई फिल्म ‘इन गलियों में’ इन दिनों दर्शको की एक खास क्लास और सोशल मीडिया में इन दिनों चर्चा में है। यह फिल्म एक पुत्र की अपने पिता जाने माने राइटर वसु मालवीय को श्रद्धा सुमन है। वसु के पुत्र पुनर्वसु ने ही इस फिल्म की पटकथा पुनर्वसु ने लिखी है तो फिल्म के अधिकांश गीत भी उन्होंने ही लिखे है। मुझे याद आता है संजय लीला भंसाली की हिट फिल्म हम दिल दे चुके सनम के गीतों की मिठास भी इस फिल्म के गीतों में है यह गीत इस फिल्म को आम मुंबईया चालू मसाला फिल्मों से पूरी तरह अलग करते है । इन गीतों की शुरुआती धुन भी पुनर्वसु ने ही तैयार की है। मेरी नजर में यह फिल्म बेहतरीन हिंदी साहित्य को एक उपहार है।

यदुनाथ फिल्म्स के बैनर तले बनी इस फिल्म की ज्यादातर शूटिंग लखनऊ के आस पास हुई है

स्टोरी प्लॉट

फिल्म की कहानी तीन किरदारों के करीब घूमती है दो छोटी सी तंग गलियों राम और रहीम गली की इस सीधी सादी कहानी में हिंदू मुस्लिम के बीच टोटली भाईचारे और होली के दिन दोनों गलियों के लोगों द्वारा एक साथ मिलजुल कर होली खेलने की प्यार भरी कहानी है इसी गली ने हरि राम और शब्बो रेहड़ी लगाकर सब्जी बेचते है, शब्बो के मां बाप नहीं है तो हरि अपनी मां के साथ रहता है इसी गली में मिर्जा साहिब जावेद जाफरी की चाय और कबाब की दुकान है जहां राम और रहीम गली के सभी लोग एक साथ मिलते है मिर्ज़ा साहिब शायर है और सभी को मुहब्बत का पैगाम देते है गली में रहने वालो के बीच तकरार और नफ़रत का बीज बोता है यहां से विधायक का चुनाव लड़ रहे नेता जी जो भारत पाक के बीच होने वाले मैच को गली में बड़ी स्क्रीन लगवाकर दिखाने का प्लान बनाते है ताकि इस मैच के रिज़ल्ट के बीच वो राम और रहीम गली में दंगा करवा सके क्या नेताजी का यह प्लान सफल होता है या नहीं , यह जानने के लिए इन गलियों मे आए

ओवर ऑल

जावेद जाफरी, इश्तियाक खान, सुशांत सिंह, अवंतिका दसानी, विवान शाह, राजीव ध्यानी, हिमांशु वाजपेयी इस फिल्म के प्रमुख कलाकार है लेकिन जावेद जाफरी फिल्म की रीढ़ की हड्डी है उनकी बेहरतीन एक्टिंग टॉप है, अगर आप बेहतरीन फिल्मों के शौकीन है अच्छा गीत संगीत आपको पसंद है और जमीन से जुड़ी ऐसी कहानी पर बनी फिल्म देखना चाहते है तो आप इस गली में जरूर जाए दो घंटे से भी कम अवधि की यह फिल्म आपको स्टार्ट टू लास्ट सीट से बांधकर रखेगी, और सिर्फ यूपी ही नहीं हर राज्य की सरकार की चाहिए कि होली के इस सीजन में हिंदू मुस्लिम के बीच मुहब्बत का पैगाम देती इस फिल्म को टैक्स फ्री करे।

About Author