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New Delhi: Union Minister for Railways Suresh Prabhu addresses at the signing ceremony of an MoU between Ministry of Railways and State Government of Chhattisgarh for formation of JV Company, in New Delhi on Feb 9, 2016. (Photo: IANS/PIB)

प्रभु ने इस्तीफे की पेशकश की, प्रधानमंत्री ने इंतजार करने को कहा

 

नई दिल्ली| रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हाल में हुई रेल दुर्घटनाओं की ‘पूरी नतिक जिम्मेदारी’ लेते हुए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर इस्तीफे की पेशकश की।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने उनसे ‘इंतजार’ करने को कहा है। पिछले चार दिनों में दूसरी रेल दुर्घटना के बाद प्रभु प्रधानमंत्री से मिले और हादसों और अन्य हालात की ‘पूरी नैतिक जिम्मेदारी’ ली। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “प्रधानमंत्री ने मुझसे इंतजार करने को कहा है।”

प्रभु ने हालांकि साफ तौर पर यह नहीं लिखा है कि उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की है, लेकिन ट्वीट की उनकी भाषा को देखते हुए ऐसे अनुमान लगाए जा रहे हैं।

गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर जिले में शनिवार को कलिंग उत्कल एक्सप्रेस बेपटरी हो गई थी, जिसमें 22 लोगों की मौत हो गई थी। रेलवे ने दोषी अधिकारियों और कर्मचारियोंके खिलाफ कार्रवाई भी की। इस बीच, बुधवार को औरेया जिले में कैफियत एक्सप्रेस एक डंपर को टक्कर मारने के बाद पटरी से उतर गई, जिसमें 74 लोग घायल हो गए। दोनों हादसे उत्तर प्रदेश में हुए हैं।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ए.के. मित्तल ने भी दुर्घटनाओं के मद्देनजर इस्तीफे की पेशकश की है, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है कि मित्तल ने इस्तीफा दे दिया है।

रेल मंत्री ने कहा, “मैं दुर्भाग्यपूर्ण हादसों से गहरे सदमे में हूं, जिनमें कई यात्रियों की जान गई और लोग जख्मी हुए हैं। इसने मुझे गहरा सदमा दिया है।”

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने जिस नए भारत की कल्पना की है, उसमें निश्चित रूप से रेलवे आधुनिक व सक्षम होनी चाहिए। मैं कहना चाहता हूं कि रेलवे उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है।”

प्रभु के अनुसार, उन्होंने ‘दशकों से उपेक्षित क्षेत्रों में खामियों को दूर करने की कोशिश की है, जिसके लिए व्यापक निवेश की जरूरत है।’

उन्होंने कहा कि रेल मंत्री के तौर पर अपने तीन साल से भी कम के कार्यकाल में ‘मैंने रेलवे की बेहतरी के लिए अपना खून-पसीना एक कर दिया।’

कलिंग उत्कल एक्सप्रेस हादसे के बाद कांग्रेस ने कहा था कि मोदी सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद 27 रेल दुर्घटनाओं में 259 यात्रियों की जान जा चुकी है, जबकि 899 घायल हुए हैं।

कलिंग उत्कल एक्सप्रेस हादसे की शुरुआती जांच से पता चला है कि हादसा रेलवे कर्मचारियों की लापरवाही के कारण हुआ।

–आईएएनएस

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