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Hyderabad: Union Finance Minister Arun Jaitley arrives to attend the 21st GST Council meeting in Hyderabad on Sept 9, 2017. (Photo: IANS)

30 वस्तुओं पर कर घटा, एसयूवी, बड़े कारों पर जीएसटी सेस बढ़ा

 

हैदराबाद| आम इस्तेमाल की 30 वस्तुओं पर जीएसटी की दरों में शनिवार को कटौती की गई, जबकि मध्य और उच्च खंड की कारों पर सेस में बढ़ोतरी की गई। साथ ही रिटर्न दाखिल करने में आ रही तकनीकी गड़बड़ियों को देखने के लिए एक पांच-सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।

वस्तु एवं सेवा कर परिषद (जीएसटी) की यहां हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है। इस बैठक में जुलाई का जीएसटीआर-1 रिटर्न दाखिल करने की तिथि 10 अक्टूबर तक बढ़ाने का भी फैसला किया गया है।

जीएसटी लागू करने के बाद हुई दूसरी समीक्षा बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि फिटमेंट समिति की सिफारिशों के बाद आम आदमी के इस्तेमाल के करीब 30 सामानों पर कर की दरों में कटौती की गई है, जिसमें रेनकोट, रबरबैंड, इडली-डोसा का घोल शामिल है।

खादी स्टोर में मिलने वाले खादी कपड़ों को खादी और ग्रामोद्योग अधिनियम 1956 (केवीआईसी) के तहत जीएसटी से छूट दी गई है।

वाहनों पर सेस की दरों में वृद्धि के बारे में उन्होंने कहा कि छोटी कारों (पेट्रोल और डीजल), हाइब्रिड कारों और 13 सीट वाले वाहनों की दरों में जहां कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है, वहीं कुछ खंडों में सेस दरों में बढ़ोतरी की गई है।

उन्होंने कहा कि मध्यम खंड की कारों पर जीएसटी सेस में 2 फीसदी, बड़े खंड की कारों पर 5 फीसदी और एसयूवी पर 7 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।

मंत्री ने कहा कि करदाताओं की तरफ से रिटर्न दाखिल करने में जीएसटी पोर्टल पर आ रही परेशानी की शिकायत की गई है। इसलिए परिषद ने तकनीकी गड़बड़ियों को देखने के लिए पांच-सदस्यीय समिति का गठन किया है।

उन्होंने कहा कि जुलाई का जीएसटीआर-1 दाखिल करने की तिथि रविवार को खत्म हो रही थी, जिसे 10 अक्टूबर तक एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।

जेटली ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “काम बहुत बड़ा है, इसलिए परिषद ने र्टिन दाखिल करने के लिए नई समयसीमा तय की है। सिस्टम पर लोड काफी अधिक है, इसलिए हम करदाताओं को पर्याप्त समय देना चाहते हैं।”

उन्होंने कहा, “प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्षणिक चुनौतियां हैं। परिषद ने एक समिति के गठन का फैसला किया है, जिसकी घोषणा एक-दो दिन में कर दी जाएगी। इसमें मंत्रियों के साथ मिलकर काम किया जाएगा, जो जीएसटी के साथ बातचीत करेंगे, ताकि सुचारू बदलाव सुनिश्चित किया जाएगा।”

परिषद ने जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) प्लेटफार्म की कार्यपद्धति की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया। जीएसटीएन के अधिकारियों ने परिषद के सदस्यों के सामने एक विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया।

जेटली ने कहा कि पोर्टल पर दो-तीन मौकों पर अधिक लोड के कारण तकनीकी गड़बड़ियां देखी गई।

–आईएएनएस

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