एस.पी. चोपड़ा, नई दिल्ली: भारतीय इतिहास में रामलीला का इतिहास बहुत पुराना है। दिल्ली के इतिहास में लालकिला मैदान में सन् 1958 से लगातार रामलीला का मंचन करा रही ‘नव श्री धार्मिक’ लीला कमेटी इस वर्ष दर्शकों को लुभाने के लिए हाईटैक तकनीकों का प्रयोग कर रही है।
दर्शकों तक रामलीला पहुंचाने के लिए विशाल एल.ई.डी. स्क्रीनों को लगाया गया है, जिससे वहां उपस्थित सभी दर्शक रामलीला के प्रसंगों का साक्षात आनंद लें सकेंगें। रामलीला मंचन में मिलाप के दृश्यों को मार्मिक तरीके से प्रस्तुत किया जाएगा, इसके साथ ही रावण-जटायू का हवाई-युद्ध होने के साथ ही मायावी राक्षसों के वध के दृश्य भी दर्शकों के मन मोह लेंगें। मेघनाथ भगवान लक्ष्मण का युद्ध भी नई तकनीक के साथ प्रस्तुत होगा। सीता स्वयंवर के लिए हाईड्राॅलिक मंच निर्मित किया गया है।
हनुमान जी वायु मार्ग से संजीवनी बूटी लाएंगें। भगवान राम का राक्षसों के साथ मायावी युद्ध होगा, जिसमें भगवान श्रीराम द्वारा अग्निबाण, वर्षा बाण चलाये जाएंगें। रामलीला मंचन में इस बार नए प्रसंग देखने को मिलेंगें जैसे-कैकई का चरित्र, भगवान राम के जन्म से संबंधित तथ्यों से दर्शक रू-ब-रू होंगें। इस बार लीला में ही सुंदर नाट्य गालिब इन न्यू दिल्ली का आयोजन किया जाएगा।
लीला मंचन में मुंबई के मशहूर डिजानरों द्वारा भगवान राम के परिधानों को डिजाईन किया गया है। बाॅलीवुड फिल्म सेट डिजाइनर प्रदीप आर्ट को लीला मंचन के स्टेज की साज-सज्जा के लिए नियुक्त किया गया है। लीला मंचन से जुड़ी ये सब जानकारी लीला कमेटी के सचिव, प्रकाश चंद्र बराठी ने अन्य कार्यकारिणी पदाधिकारियों के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में दी।
इस अवसर पर कमेटी के प्रैस सचिव राहुल शर्मा ने बताया कि हमारी लीला पुरानी दिल्ली की लगभग 60 साल पुरानी लीला है, हर साल लीला का मंचन 11 दिनों के लिए किया जाता है, हमारी कोशिश हर बार दर्शकों को कुछ नया देने की होती है, जिससे दर्शक अपनी संस्कृति और धार्मिक परंपरा को स्मरण कर सकें और उन्हें कुछ नया देखने को मिले।
इस बार लीला में समस्त पदाधिकारियों की तरफ से रामलीला से जुड़े बुजुर्गों का सम्मान किया जाएगा। इसके अलावा लीला में आने वाले बच्चों के लिए प्रश्न प्रतियागिता रखी जाएगी, सही उत्तर देने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया जाएगा और लीला देखने के लिए 120 देशों के राजदूतों को निमंत्रण दिया गया हैं।
रामलीला के मंत्री रवि कप्तान के अनुसार लीला का पूरा मंचन अमितोष शर्मा, डाॅयरेक्टर रघुवश सांस्कृतिक संस्थान द्वारा किया जाएगा। लीला में इस बार कुछ नय प्रोफेशनल लोग मुख्य पात्र के रूप में नजर आएंगें। स्टेज पर एलईडी लाईट्स लगाई गई हैं, जो हर प्रसंग के अनुसार काम करेंगीं, इसी के साथ आधुनिक साउण्ड तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
हर वर्ष की भांति इस बार भी अष्टमी के दिन माता की चैकी का आयोजन किया गया है। रामलीला के प्रचार प्रसार के लिए फेसबुक, यूट्यूब लाईव टेलीकाॅस्ट, ट्वीटर पर किया जाएगा, इसी के साथ वाह्ट्सप के जरिए भी ई-निमंत्रण भेजे जाएंगें।
लीला देखने के लिए 120 देशों के राजदूतों को निमंत्रण दिया गया।
और भी हैं
बुलडोजर का इतिहास : निर्माण से लेकर तोड़फोड़ की मशीन बनने तक की यात्रा
वेश्यालय से भीख मांगकर मां दुर्गा की प्रतिमा बनाने के लिए लाई जाती है मिट्टी, जानें इसके पीछे की कहानी
हिंदी दिवस: क्या हिंदी सिर्फ बोलचाल की भाषा बची है?