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Vijay Rupani.(photo:Vijay Rupani Twitter)

अहमदाबाद विमान हादसा : गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, साधारण शुरुआत से शिखर तक का सफर

अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को हुए विमान हादसे में भाजपा के वरिष्ठ नेता और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की मौत हो गई। वह 68 वर्ष के थे।

गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का जीवन भारतीय राजनीति की एक प्रेरणादायक कहानी है, जिसमें संघर्ष, प्रतिबद्धता और जनसेवा का अनूठा संगम दिखाई देता है। वे न केवल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक समर्पित नेता रहे, बल्कि गुजरात के 16वें मुख्यमंत्री के रूप में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

विजय रूपाणी का जन्म 2 अगस्त 1956 को म्यांमार (तत्कालीन बर्मा) के यांगून शहर में हुआ था। उनके पिता रमणिकलाल रूपाणी और मां मायाबेन के सात बच्चों में वे सबसे छोटे थे। उनके पिता वहां व्यापार के लिए गए थे। हालांकि, 1960 में म्यांमार में हुए राजनीतिक उथल-पुथल के कारण उनका परिवार भारत लौट आया और गुजरात के राजकोट शहर में बस गया।

राजकोट में पले-बढ़े रूपाणी ने अपनी शिक्षा सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी से पूरी की, जहां उन्होंने बीए और एलएलबी की डिग्री हासिल की। छात्र जीवन से ही वे राष्ट्रवादी विचारधारा की ओर आकर्षित हुए और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ गए।

1971 में रूपाणी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े और यहीं से उनके सार्वजनिक जीवन की नींव रखी गई। 1975 में आपातकाल के दौरान वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे आए और 11 महीने जेल में बिताए।

1996-97 में वे राजकोट नगर निगम के मेयर बने। इसके बाद उनका राजनीतिक करियर तेजी से आगे बढ़ा। 1998 में उन्हें गुजरात भाजपा का प्रदेश सचिव नियुक्त किया गया।

2006 में विजय रूपाणी को गुजरात पर्यटन निगम का चेयरमैन बनाया गया। इसी वर्ष वे राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए और 2012 तक उन्होंने उच्च सदन में गुजरात का प्रतिनिधित्व किया।

2013 में नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्हें गुजरात म्यूनिसिपल फाइनेंस बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया गया।

2014 में विजय रूपाणी ने राजकोट वेस्ट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद आनंदीबेन पटेल के मंत्रिमंडल में उन्हें परिवहन मंत्री बनाया गया।

2016 में उन्हें गुजरात भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उसी वर्ष 7 अगस्त को उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने विजय रूपाणी के नेतृत्व में जीत हासिल की और वे एक बार फिर मुख्यमंत्री बने। उन्होंने 2021 तक इस पद को संभाला और राज्य की राजनीति में स्थिरता व सुशासन के प्रतीक बने रहे। उन्हें काफी शांत प्रवृत्ति के सीएम के तौर पर जाना जाता था।

विजय रूपाणी ने भाजपा महिला मोर्चा की सदस्य अंजली से विवाह किया। उनके दो बेटे और एक बेटी हैं। एक बेटे का निधन एक कार दुर्घटना में हो गया था। उनकी बेटी की शादी हो चुकी है, जबकि उनका दूसरा बेटा इंजीनियर है।

–आईएएनएस

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