मुंबई: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में बाघों, तेंदुओं, हाथियों और कई अन्य जानवरों के घर, घने जंगलों वाले तिलारी को अब ‘कॉन्सर्वेशन रिजर्व’ का दर्जा दिया गया है।
सिंधुदुर्ग जिले की डोगमार्क तहसील में स्थित, तिलारी कोल्हापुर में राधानगरी वन्यजीव अभयारण्य को कर्नाटक के बेलगाम में भीमगढ़ वन्यजीव अभयारण्य से जोड़ता है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फरवरी में किए गए अपने वादे के बारे में कहा, “हमारे कॉन्सर्वेशन (संरक्षण) के प्रयासों में यह एक लंबा रास्ता तय करेगा।”
ठाकरे स्वयं एक अच्छे छायाकार हैं, और वन्यजीव व हवाई फोटोग्राफी में रुचि रखते हैं।
उन्होंने संबंधित विभागों को इस क्षेत्र के लिए प्राथमिकता पर एक इको-टूरिज्म प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है, जो सिंधुदुर्ग का पहला कॉन्सर्वेशन रिजर्व है।
पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने निर्णय के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और वन मंत्री संजय राठौड़ का आभार व्यक्त किया। इस निर्णय के जरिए तिलारी पश्चिमी घाट में 13वां कॉन्सर्वेशन रिजर्व बन गया है। महाराष्ट्र में इस तरह के कुल 62 रिजर्व हैं।
आदित्य ठाकरे ने कहा, “राज्य ने तिलारी कॉन्सर्वेशन रिजर्व स्थापित करने की घोषणा की है। यह 29.53 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र वन्यजीवों, जैवविविधता और बाघों को बचाने के प्रयास में एक छोटा-सा प्रयास है।”
कॉन्सर्वेशन क्षेत्र खासतौर से संरक्षित पॉकेट्स होते हैं, जो देश में स्थापित राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजीव अभयारण्यों, रिजर्व और संरक्षित वानों के बीच बफर जोन या प्रवजन मार्ग के रूप में काम करते हैं।
वन्यजीव विशेषज्ञ रोहन भाटे का कहना है कि हाथियों के अलावा, तिलारी में बाघों की प्रजनन आबादी है और सह्याद्री टाइगर रिजर्व और राधानगरी के लिए एक महत्वपूर्ण कॉरिडोर है।
हाथियों और बाघों के अलावा, तिलारी में कई प्रकार के हिरण, मृग, बाइसन, बंदर, जंगली सूअर, कई प्रजातियों के सरीसृप, पक्षियों और कीड़ों के साथ कई तरह की वनस्पतियां भी हैं।
–आईएएनएस
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