दिल्ली: केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने तत्काल खाने के लिए तैयार भोजन को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कोविड-19 के खिलाफ अपनी प्रभावकारिता के कारण पश्चिमी दुनिया में भारत के सुपर फूड्स पर बल दिया।
केंद्रीय मंत्री ने फूड प्रोसेसिंग एक्सक्लूसिव इन्वेस्टमेंट फोरम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इस समय दुनिया का ध्यान पोषण आहार पर है तथा वैश्विक बाजार में यही समय भारत को आगे बढ़ाने का है। उन्होने कहा कि उनके मंत्रालय ने भारत में कारोबार करने के घरेलू तथा विदेशी दोनो निवेशकों के साथ काम करने के लिए निवेश भारत में एक समर्पित इन्वेस्टमेंट फेसिलेशन सेल की स्थापना की है।
श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि दुनिया खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को नई चुनौतियों के साथ देख रही है जो लॉकडाउन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।उन्होने कहा कि इसके साथ साथ परिवहन तथा रसद की कमी के कारण उपज की भारी बर्बादी का भी मुद्दा था। इन सभी मुद्दों के कारण नए अवसर खोले गए हैं जिससे 180 से भी अधिक वैश्विक निवेशकों, राज्य सरकारों तथा केंद्र सरकार के लिए एक ही समय में एक ही स्थान पर रहना संभव हो गया है। श्रीमती बादल ने कहा कि सभी क्षेत्रों में भारी अवसर है तथा कई खाद्य प्रसस्करण उ़द्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) द्वारा फंड की गई परियोजनाओं को भी हाल ही में नए क्षेत्रों से नए ऑर्डर मिल रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को समर्थन देेने के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित की गई प्रोजेक्ट डिवलेपमेंट सेल तथा एनपावर्ड ग्रुप ऑफ सेक्रेट्रिज के अधिकारों केे बारे में भी जानकारी दी। उन्होने कहा कि चूंकि कंपनियां उन देशों से दूर जा रही है जो इसे आयात कर रहे हैं इसीलिए यही वह समय है जब राज्य तथा केंद्र को साथ मिलकर काम करना चाहिए।
श्रीमती बादल ने कहा कि नीतिगत प्रोत्साहनों, औद्योगिक क्षेत्रों, बुनियादी ढ़ांचे की क्षमताओं तथा विशेष निवेशक सुविधा सेवाओं से लेकर निवेश निर्णयों के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे फोर्म में चर्चा की गई ताकि भारत को अगला वैश्विक निवेश का केंद्र बनाया जा सके। फोरम में आंध्र प्रदेश, असम, मध्य प्रदेश, पंजाब तेलंगाना तथा उत्तर प्रदेश सहित संघ तथा छह राज्य सरकारों के वरिष्ठतम नीति निर्माताओं ने भाग लिया। फोरम में 18 देशों की 180 कंपनियों ने भी भाग लिया।
निवेश मंच वेबिनार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री रामेश्वर तेली, आंध्र प्रदेश निवेश, बुनियादी ढ़ांचा, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री मेकापति गौथम रेड्डी, असम के उद्योग मंत्री चंद्र मोहन पटोवरी तथा पंजाब लोक निर्माण विभाग के मंत्री श्री विजय इंद्र सिंगला भी मौजूद थे।
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