उज्जैन, 21 नवंबर)। मध्य प्रदेश की पहली मेडिसिटी उज्जैन में बनने जा रही है। इसका मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को भूमिपूजन किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री यादव ने चिकित्सा महाविद्यालय के जिला चिकित्सालय परिसर में भी भूमि पूजन किया। इस दौरान वेदपाठी ब्राह्मणों ने स्वस्तिवाचन किया। राज्य की धार्मिक नगरी उज्जैन में 592 करोड़ की लागत से प्रदेश की पहली मेडिसिटी बननी है। इस परियोजना के अस्तित्व में आने से उज्जैन स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में अग्रणी बनेगा और हजारों लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा हासिल होगी। बताया गया है कि चिकित्सा महाविद्यालय 550 बेड की क्षमता वाला होगा। इसमें 150 मेडिकल छात्रों को चिकित्सा शिक्षा प्रदान की जाएगी। लगातार 24 घंटे आपातकाल सेवा देने वाले इस अस्पताल में जनरल और सुपर स्पेशिएलिटी ओपीडी भी होंगे। मेडिसिटी में सुपर स्पेशियलिटी एवं मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल, डायग्नोस्टिक सेंटर, फार्मेसी, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र, विभिन्न उपचार हेतु वेलनेस केंद्र, आयुष अस्पताल, पैरामेडिकल कॉलेज, एकीकृत एवं समग्र स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा, इको-फ्रेंडली इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ाने की सुविधाएं होंगी।
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को उज्जैन रवाना होने से पहले भोपाल में समत्व भवन में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में शीघ्र ही 50 मेडिकल कॉलेज होंगे। वर्तमान में प्रदेश में 17 शासकीय मेडिकल कॉलेज संचालित हैं, आठ निर्माणाधीन हैं और 13 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज विद्यमान हैं। राज्य शासन ने 12 मेडिकल कॉलेज की निविदाएं आमंत्रित की हैं, जो कि पीपीपी मॉडल पर संचालित किए जाएंगे। चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सा सुविधा के विस्तार में मध्य प्रदेश, देश में अग्रणी राज्यों में शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा सेवा और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में केंद्र सरकार ने बहुत कार्य किया है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेडिसिटी की परिकल्पना दी है। इसके अंतर्गत एक ही कैंपस में स्वास्थ्य और चिकित्सा संबंधी विभिन्न सुविधा और समाधान उपलब्ध कराने की व्यवस्थाएं की गई हैं। प्रदेश में यह परिकल्पना उज्जैन में साकार हो रही है। राज्य सरकार प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में ऐसे सभी विकास और जन-कल्याण के कार्य जारी रखेगी।
–आईएएनएस
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