नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को कहा कि वह जांच कर रही है कि स्वघोषित देवी राधे मां पूर्वी...
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नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि रयान स्कूल प्रबंधन अगर अपने कर्तव्यों का...
महोबा: उत्तर प्रदेश में महोबा जिले के चरखारी थाने के सालटा गांव में बुधवार की शाम बकरी चरा कर घर...
एस.पी. चोपड़ा, नई दिल्ली। इस वर्ष गाँधी जयंती के अवसर पर ह्यूमन फॉर ह्यूमैनिटी ने महिलाओ के ऊपर हो रहे अत्याचार और उन अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठाने की एक नई पहल की है जहा सभी तरफ स्वछता की ओर ध्यान दे रहे है और महिलाओ के ऊपर हो रहे अत्याचार पर किसी का ध्यान ही नहीं है. ह्यूमन फॉर ह्यूमैनिटी के संस्थापक अनुराग चौहान ने गाँधी जी के कथनो के अनुसार अहिंसा का रास्ता अपनाते हुए शांति पूर्वक महिलाओ के ऊपर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठाने का फैसला किया है और इस सन्देश को जन जन तक पहुचाने का संकल्प लिया है. ह्यूमन फॉर ह्यूमैनिटी के इस कार्यक्रम को युनीसेफ गुडविल अम्बेसडर नन एनी छोयिंग ड्रोल्मा एवं फेमनिस्ट कार्यकर्ता कमला भसीन जी का पूरा समर्थन मिला साथ ही पेंग्विन इंडिया की एडिटर इन चीफ मिली ऐश्वर्या भी उपस्थित रही. ह्यूमन फॉर ह्यूमैनिटी के श्री अनुराग चौहान ने आगे कहा की हम पूरी दुनिया को तो नहीं बदल सकते लेकिन शुरुआत तो कर ही सकते है. अनुराग ने 16 वर्ष की आयु से ही समाज सेवा की शुरुआत देहरादून से की और उस छोटी सी उम्र में ही उन्होंने अपने स्तर पर समाज में सुधार लाने की कोशिश की और तब से ही वो हमेशा के लिए सामाजिक कार्यो से जुड़ गए. ये संगठन 16 देशो से इंटर्न कराता है जो भारत के स्लम क्षेत्रों में विभिन्न मुद्दों कर रहा है जैसे स्वछता, स्मार्ट स्ट्रीट, ईच वन टीच वन, क्लीन इंडिया कैंपेन, प्रमोशन ऑफ़ इंडियन कल्चर ऑफ़ हेरिटेज. सबसे मत्वपूर्ण बात अहिंसा को ध्यान में रखते हुए जैसा की कार्यक्रम में आयी महिलाओ से बातचीत के दौरान उनोहोने अपने संघर्ष और सफलताओ के बारे में बताया. इस अवसर पर एनी की विश्व प्रशिद्ध बुक " सिंगिंग फॉर फ्रीडम " भारत में पहली बार प्रदर्शित हुई. ह्यूमन फॉर ह्यूमैनिटी ने एनी छोयिंग को 50 सबसे प्रभावशाली महिला 2017 के साथ पुरुस्कृत किया गया जो की अनुराग चौहान एवं कमला भसीन के द्वारा दिया गया.
वाशिंगटन: अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मतभेद की खबरों के बीच, टिलरसन ने इन...
एस.पी. चोपड़ा, नई दिल्ली। संडे, यानी छुट्टी का दिन। संडे का नाम सुनते ही आंखों में एक चमक-सी आ जाती है।...