✅ Janmat Samachar.com© provides latest news from India and the world. Get latest headlines from Viral,Entertainment, Khaas khabar, Fact Check, Entertainment.

भारत देश भर के बौद्ध स्थलों से संपर्क बढ़ाने पर जोर दे रहा है : प्रधानमंत्री मोदी

भारत देश भर के बौद्ध स्थलों से संपर्क बढ़ाने पर जोर दे रहा है : प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को बौद्ध हेरिटेज साइट्स से जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया है। आषाढ़ पूर्णिमा के मौके पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत मे अनेकों बौद्ध हेरिटेज साइट्स है, जिससे लोगों और श्रद्धालुओं को जोड़ने का काम हम कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि मेरे संसदीय क्षेत्र वाराणसी को बहुत से लोग सारनाथ की वजह से जानते है। ऐसे में हम देश भर के बौद्ध स्थलों से संपर्क बढ़ाना चाहते है।

उन्होंने कहा, “कुछ ही दिनों पहले ही हमारी कैबिनेट ने कुशीनगर एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट में बदलने का फैसला किया है। इससे विश्व भर के लोग और श्रद्धालु कुशीनगर आ पाएंगे और यहां आर्थिक विकास के अवसर भी पैदा होंगे।”

इस अवसर पर भगवान बुद्ध की आठ शिक्षाओं का जिक्र करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा, “आज दुनिया कठिन चुनौतियों से लड़ रही है। इन चुनौतियों के लिए स्थायी समाधान भगवान बुद्ध के आदर्शो से आ सकते हैं। वह अतीत में प्रासंगिक थे, वर्तमान में प्रासंगिक हैं और भविष्य में प्रासंगिक रहेंगे।”

उन्होंने कहा, “भगवान बुद्ध द्वारा दिखाया गया आठ मार्ग कई समाजों और राष्ट्रों के कल्याण की दिशा में रास्ता दिखाता है। यह करुणा और दया के महत्व पर प्रकाश डालता है। बौद्ध धर्म लोगों को आदर करना, गरीबों के प्रति आदर रखना, महिलाओं को आदर देना, शांति और अहिंसा रखना सीखाता है। इसलिए बुद्ध द्वारा दी गई सीख आज भी प्रसांगिक है।”

आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं देते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यह हमारे गुरुओं को याद करने का दिन है, जिन्होंने हमें ज्ञान दिया।

इससे पहले आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज राष्ट्रपति भवन में धर्म चक्र दिवस का उद्घाटन किया, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आयोजित धर्म चक्र दिवस समारोह को संबोधित किया। इस मौके पर मंगोलिया के राष्ट्रपति का एक विशेष संबोधन भी पढ़ा गया।

–आईएएनएस

About Author