नई दिल्ली : India व China के बीच सोमवार रात गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के तीन जवान शहीद हो गए, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। अब भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन पर हमला बोलते हुए कहा है कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की यथास्थिति को बदलना चाहता था और चीन की तरफ से यथास्थिति बदलने के प्रयास के नतीजे के रूप में यह हिंसक झड़प हुई। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि चीनी पक्ष द्वारा एकतरफा रूप से एलएसी की स्थिति को बदले का प्रयास किया गया और यथास्थिति बदलने के प्रयास के नतीजे के रूप में एक हिंसक झड़प हुई।
श्रीवास्तव ने कहा कि इस झड़प में दोनों पक्षों के सैनिक हताहत हुए जिस स्थिति से बचा जा सकता था। उन्होंने चीन की निंदा करते हुए कहा कि उच्च स्तर पर जो समझौता हुआ था, उसे चीनी पक्ष की ओर से तोड़ा गया।
श्रीवास्तव भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र की स्थिति पर मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने ये भी कहा है कि पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए भारत और चीन राजनयिक और सैन्य स्तर पर चर्चा कर रहे हैं।
वरिष्ठ कमांडरों ने छह जून को एक बैठक की थी और इस तरह के डी-एस्केलेशन के लिए एक प्रक्रिया पर सहमति व्यक्त की। इसके बाद कमांडरों ने उच्च स्तर पर पहुंची सहमति को लागू करने के लिए कई बैठकें की।
विदेश मंत्रालय ने चीन को सीधे तौर पर जवाब दे दिया है कि हम एलएसी का पूरा सम्मान करते हैं और चीन को भी ऐसा ही करना चाहिए।
श्रीवास्तव ने कहा, “भारत को सीमा प्रबंधन के लिए जिम्मेदार ²ष्टिकोण अपनाने के लिए जाना जाता है और यह बहुत स्पष्ट है कि इसकी सभी गतिविधियां हमेशा भारतीय सीमा के भीतर ही होती हैं। हम चीनी पक्ष से भी यही उम्मीद करते हैं।”
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि हम सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने और बातचीत के माध्यम से मतभेदों के समाधान की आवश्यकता के बारे में ²ढ़ता से आश्वस्त हैं। साथ ही हम भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए भी ²ढ़ता से प्रतिबद्ध हैं।
–आईएएनएस
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