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कोविड-19 के खतरे के बीच चीन समेत दुनिया भर में मनाया गया योग दिवस

बीजिंग :कोविड-19 महामारी के खतरे के बीच छठा योग दिवस दुनिया के विभिन्न हिस्सों में डिजिटल तरीके से मनाया गया। हर साल इस मौके पर करोड़ों लोग सार्वजनिक रूप से योगाभ्यास करते थे, लेकिन वायरस के खतरे को देखते हुए इस बार लोगों ने अपने घरों में ही योग किया।

वहीं इस अवसर पर चीन की राजधानी बीजिंग में भारतीय दूतावास द्वारा सांकेतिक रूप से समारोह आयोजित किया गया। जिसमें सिर्फ 80-90 लोगों ने ही शिरकत की। चीन स्थित भारत के राजदूत विक्रम मिस्री समेत कुछ देशों के राजनयिक व भारतीय दूतावास के कर्मचारी शामिल थे। इस दौरान योग गुरु आशीष बहुगुणा ने योगासन, प्राणायाम और मेडिटेशन आदि का अभ्यास कराया। वीयोगा अकादमी के संस्थापक आशीष बहुगुणा को भारतीय राजदूत मिस्री द्वारा सम्मानित भी किया गया।

राजदूत विक्रम मिस्री ने इस अवसर पर कहा कि योग से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। वहीं कोरोना महामारी से बचने के लिए भी योग अहम भूमिका निभा सकता है। क्योंकि यह वायरस आम तौर पर कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को ही अपना निशाना बनाता है।

वहीं योग गुरु आशीष ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि योग शरीर और मन को मजबूत बनाता है। ऐसे में आज के इस महत्वपूर्ण दिवस पर हमें प्रतिदिन योग करने और खुद को स्वस्थ रखने का संकल्प लेना चाहिए।

इससे पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का योग दिवस के मौके पर दिया गया संदेश भी बीजिंग में हुए आयोजन में सुनाया गया। जिसमें पीएम ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण विश्व में लोगों को योग की पहले से ज्यादा जरूरत महसूस हो रही है। उन्होंने कहा कि योग के प्रति लोगों में उत्साह बढ़ रहा है और यह कितना व्यापक है यह योग पर जारी वीडियो बताते हैं। वहीं यह दिवस अपने परिवार के लोगों के साथ करीबी बढ़ाने का दिन भी है। यहां बता दें कि इस बार भारत सरकार ने ‘योगा एट होम विद फैमिली’ की थीम के तहत योग दिवस का ऑनलाइन आयोजन किया।

गौरतलब है कि 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 178 सदस्यों द्वारा 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत इस प्रस्ताव को 90 दिनों के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया।

वहीं इंटरनेशनल योग दिवस के लिए 21 जून का दिन इसलिए निर्धारित किया गया, क्योंकि यह दिन उत्तरी गोलार्ध (ग्रीष्म संक्रांति) का सबसे लंबा दिन माना जाता है। जिसका विश्व के कई क्षेत्रों में खास महत्व होता है, जबकि आध्यात्मिक लिहाज से भी लोग इस दिवस को विशेष मानते हैं।

(साभार-चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

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