नई दिल्ली : ऑल इंडिया माइनॉरिटी फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस एम आसिफ ने कहा है। की सरकार को लॉकडाउन अवधि की स्कूल फीस माफ करनी चाहिए।लेकिन प्राइवेट स्कूल ऐसा नहीं कर रहे है। जिससे कि देश के लोग परेशान है। आसिफ ने कहा कि यह सर्वविदित तथ्य है कि देश का हर अभिवावक अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में ही पढ़ाना चाहता है।
प्राइवेट स्कूलों का आलम तो यह है कि वो हर कीमत पर बच्चों की पढ़ाई के नाम पर उनके अभिभावकों की जेबें ढीली करता रहता है। शिक्षा का स्तर भले ही जो हो लेकिन ये प्राइवेट स्कूल कॉपी और किताबें महंगें दामों पर बेचते हैं। ड्रेस बेचने पर रोक लगाई गई तो इन्होंने इस बात की पुख्ता व्यवस्था कर दी कि बाहर भी अभिभावक एक ही दुकान से ड्रेस लें जो बाजार से कई गुणा ज्यादा महंगा होता ही है। दुर्भाग्यजनक स्थिति तो यह है कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के संकट के समय पर भी ये स्कूल अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे। राजधानी दिल्ली समेत देश के कई राज्यों से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि स्कूल वालों ने फीस बढ़ा दी है और पैरेंट्स पर अप्रैल-मई-जून यानि तीन महीनों की फीस एक साथ जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है।
यह महीना नई कक्षा के शुरू होने का होता है इसलिए वार्षिक शुल्क, विकास शुल्क जैसे कई शुल्क वसूलना स्कूल पहले से ही अपना अधिकार मानते आये हैं। आसिफ ने कहा कि ऐसे कठिन और नाजुक दौर में यह जरूरी हो जाता है कि स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने और अभिभावकों को राहत देने के लिए सरकारें तुरंत सभी स्कूलों से फीस माफ करने के आदेश दे।
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