गुरुग्राम के किशोरों की एक टीम ने एक ऐसा डीआईवाई सेटअप तैयार किया है जिससे 15 दिनों में आरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) के जरिये 1,00,000 लीटर तक पानी बचाया जा सकता है। खासकर तब, जब पूरी दुनिया में कोविड-19 से बचाव के लिए नियमित अंतराल पर 20 सेकंड तक अपने हाथों को धोने पर फोकस किया जा रहा है और भारत जैसा देश, जो व्यापक स्तर पर जल संकट का सामना कर रहा हो,यह डीआईवाई सेटअप एक बेहतरीन उपलब्धि मानी जा सकती है। वह भी तब, जब राज्य और राष्ट्रीय, दोनों स्तरों पर सरकारें और अधिकारी जलसंकट जैसे मुद्दे पर मूकदर्शक बनी रहती हैं, शिव नाडर स्कूल, गुरुग्राम के छात्रों की टोली ने इस गंभीर समस्या को अपने हाथों में लेकर इससे लोगों को उबारने का अनूठा फैसला किया है।
शिव नाडर स्कूल, गुरुग्राम के पांच छात्रों- मोहम्मद उमर, पिया शर्मा, आदित्य तंवर, जिया खुराना और अर्जुन सिंह बेदी की टीम इस अनूठी पहल के साथ आई है और आरओ सिस्टम के जरिये पानी की बर्बादी न होने देने पर ध्यान केंद्रित किया है। टीम ने कहा, ‘हम यह जानकर चैंक गए थे कि एक स्टैंडअलोन आरओ प्रत्येक एक लीटर के लिए तीन लीटर पानी बर्बाद करता है।’
स्कूल परिसर के भीतर एक सफल कार्यान्वयन के बाद छात्रों की टोली ने सेटअप की प्रभावशीलता को सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय घरों, दोस्तों और रिश्तेदारों के घरों में अपनी परियोजना स्थापित करना शुरू कर दिया। उसके बाद अगले स्तर पर पहल करते हुए छात्रों ने ऐसे वाणिज्यिक और सार्वजनिक स्थानों का दौरा किया, जहां प्रतिदिन लगभग 600 लीटर तक बचाने की गुंजाइश बनती है। बता दें कि 2019-2020 के शैक्षणिक वर्ष में अपनी परियोजना की शुरुआत करने वाले इन छात्रों ने अपनी बोर्ड परीक्षाओं के लिए स्टडी ब्रेक लेने से पहले करीब 1815 लीटर प्रति दिन पानी की बचत करने की क्षमता हासिल कर ली थी।
छात्रों की टोली ने अपने उत्पाद का एक दूसरा संस्करण भी जारी किया है जो एकत्रित पानी के उपयोग को स्वचालित करने के लिए सोलनॉइड वाल्व का इस्तेमाल करता है, ताकि उत्पाद को अत्यधिक अनुकूल बनाया जा सके। छात्रों की टोली के इन कारनामों की खबर फैलने के बाद कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इसे साझा भी किया, वहीं भाजपा हरियाणा ने ट्वीट कर छात्रों को बधाई भी दी।
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