मंडप की मुख्य थीम “हरित एमएसएमई” है, जो एमएसएमई द्वारा अपने व्यवसाय संचालन में बदलाव के लिए स्वच्छ/हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर मंत्रालय के फोकस पर जोर देती है। इसके अलावा मंडप में 18 व्यवसायों में लगे कारीगरों और शिल्पकारों को शुरू से अंत तक सहायता प्रदान करने के लिए मंत्रालय की प्रमुख योजना “पीएम विश्वकर्मा योजना” की भी जानकारी उपलब्ध कराता है। यह योजना भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितंबर, 2023 को शुरू की थी।
43वें आईआईटीएफ-2024 के एमएसएमई मंडप में देश के 29 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 200 प्रदर्शक भागीदारी कर रहे हैं। यहां उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की जा रही है, जिसमें कपड़े, हथकरघा, हस्तशिल्प, कढ़ाई, चमड़े के जूते, खेल और खिलौने, बांस शिल्प, बेंत की वस्तुएं, रत्न और आभूषण, चीनी मिट्टी और मिट्टी के बर्तन उत्पाद, यांत्रिक वस्तुएं आदि शामिल हैं। यह मेला सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) के लिए, विशेष रूप से महिलाओं और एससी/एसटी के स्वामित्व वाले उद्यमों और आकांक्षी जिलों के उद्यमियों को संभावित ग्राहकों के बहुत बड़े समूह के लिए अपने उत्पादों और सेवाओं को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है।
समावेशी विकास के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता के अनुरूप, 200 स्टॉलों में से 71 प्रतिशत स्टॉल महिला उद्यमियों को आवंटित किए जाते हैं, और 45 प्रतिशत एससी/एसटी उद्यमियों को निःशुल्क आवंटित किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, 35 प्रतिशत स्टॉल आकांक्षी जिलों के उद्यमियों को आवंटित किए गए हैं और 85 प्रतिशत से अधिक प्रतिभागी पहली बार आए हैं।
श्री जीतन राम मांझी ने मंडप में विभिन्न प्रदर्शकों के साथ बातचीत की और उन्हें मेले में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए ‘नुक्कड़ नाटक’ भी प्रस्तुत किया गया।
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