नई दिल्ली:दिन-प्रतिदिन के आधिकारिक कामकाज में हिंदी भाषा के उपयोग को प्रोत्साहित करने केलिए, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने परिषदसदस्य श्रीमती विशाखा शैलानी के साथ कल एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर, जय सिंह रोड, नईदिल्ली में हिंदी विभाग द्वारा आयोजित एक समारोह में हिंदी प्रतियोगिता के 39 विजेताओं कोपुरस्कार वितरित किए।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए, एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने बतायाकि भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर, 1949 को देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत कीआधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था। आधिकारिक तौर पर, पहला हिंदी दिवस लगभगपांच साल बाद 14 सितंबर, 1953 को मनाया गया। और इसलिए हर साल 14 सितंबर को हमअपने सरकारी कार्यालयों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए हिंदी दिवस मनाते हैं।
सतीश उपाध्याय ने युवा पीढ़ी को हिंदी का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल फोन जैसे तकनीकी उपकरणों के साथ-साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म औरदैनिक दिनचर्या के ऐप्स पर हिंदी के प्रयोग पर जोर दिया, इससे हिंदी तकनीकी माध्यम से अगलीपीढ़ी में स्थानांतरित हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि हिंदी भाषा हमारी एकता को मजबूत करनेवाली भाषा है और यह भारत के साथ-साथ विदेशों में भी बड़ी आबादी के लिए बातचीत का माध्यमहै। यह हमारी विरासत, संस्कृति, समाज और अर्थव्यवस्था का भी माध्यम है।
एनडीएमसी परिषद सदस्या – श्रीमती विशाखा शैलानी ने कहा कि प्रत्येक कर्मचारी अपनेजीवन में सहज रूप से हिंदी का प्रयोग करता है, इसलिए हम इस दिन को हिंदी के प्रोत्साहन दिवसके रूप में नहीं बल्कि एक उत्सव के रूप में मनाते हैं। हिंदी एक ऐसी भाषा है, जिसमें विविधता मेंएकता है।
एनडीएमसी ने हिंदी पखवाड़े में अपने कर्मचारियों के लिए हिंदी भाषण, कविता, निबंध औरवाद-विवाद सहित विभिन्न हिंदी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया।
इन प्रतियोगिताओं मेंइंजीनियरिंग, शिक्षा, प्रशासन, लेखा, वित्त, सूचना प्रौद्योगिकी, अग्नि एवं सुरक्षा तथा चिकित्सासेवाओं जैसे विभिन्न स्तरों और क्षेत्रों के 1,000 से अधिक कर्मचारियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता केप्रत्येक विजेता को कल प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान के लिए क्रमशः 5,000 रुपये, 3,500 रुपयेऔर 2,500 रुपये के पुरस्कार दिया गया। प्रतियोगिता की प्रत्येक श्रेणी में 10 प्रतिभागियों को1,000 रुपये का सांत्वना पुरस्कार भी दिये गये। पुरस्कार राशि के साथ विजेताओं को एक प्रशस्तिपत्र और स्मृति चिह्न भी दिये गये।
धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए एनडीएमसी के निदेशक (जनसंपर्क) राधा कृष्ण नेकर्मचारियों को पारदर्शिता के लिए आम लोगों के साथ बातचीत करने के लिए एक नागरिक निकायकार्यकर्ता होने के नाते दैनिक जीवन के साथ-साथ आधिकारिक कामकाज में हिन्दी का उपयोगकरने के लिए प्रोत्साहित किया।
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