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Mann ki Baat

भारत मित्रता निभाना भी जानता है और उचित जवाब देना भी : मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पूरा देश जहां एक ओर कोरोना महामारी की समस्या से जूझ रहा है, वही दूसरी ओर पड़ोसी देशो की चालबाजियों ने दोहरी चुनौती खड़ी कर दी है। ये देश बॉर्डर पर हरकतें करने से बाज नहीं आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आगाह करते हुए कहा कि “लद्दाख में भारत की भूमि पर, आंख उठाकर देखने वालों को, करारा जवाब मिला है। भारत, मित्रता निभाना जानता है, तो, आंख-में-आंख डालकर देखना और उचित जवाब देना भी जानता है।”

अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने कहा, “लद्दाख में जो वीर जवान शहीद हुए हैं उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है। पूरा देश उनके सामने नतमस्तक है। अपने वीर सपूतों के बलिदान पर उनके परिजनों में जो गर्व की भावना है यही देश में जज्बा है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत इस मुश्किल समय में दुनिया की मदद की,शांति और विकास में भारत की भूमिका को और मजबूत किया है। दुनिया ने भारत की विश्व बंधुत्व की भावना को भी महसूस किया है और अपनी संप्रभुता और सीमाओं की रक्षा करने के लिए भारत के सामथ्र्य को देखा है।”

हाल ही में शहीद हुए बिहार के एक वीर शहीद कुंदन कुमार के पिता के बयानों को उधृत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “शहीद कुंदन के पिता ने कहा कि वो अपने और बेटों को, सेना में देश की सेवा के लिए भेजेंगे।”

उन्होंने कहा ऐसे ही संकल्प को, जीवन का ध्येय बनाना चाहिये। हमारा प्रयास देश की सीमा की सुरक्षा होनी चाहिये, यही शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

देश पर आए चौतरफा आपदाओ का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कुछ दिन पहले, देश के पूर्वी छोर पर साइक्लोन आया, तो पश्चिमी छोर पर साइक्लोन निसर्ग आया। राज्यों में हमारे किसान भाई-बहन टिड्डी दल से परेशान हैं। देश के कई हिस्सों में छोटे-छोटे भूकंप रुकने का ही नाम नहीं ले रहे।”

उन्होंने कहा, “इन सबके बीच, हमारे कुछ पड़ोसियों द्वारा जो हो रहा है, देश उन चुनौतियों से भी निपट रहा है। एक-साथ इतनी आपदाएं, कम ही देखने-सुनने को मिलती हैं, लेकिन कहा संकट आती है, विपदा आती है ,लेकिन इससे साल 2020 खराब नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारा इतिहास आपदाओं पर जीत दर्ज करने का है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत में जहां एक तरफ बड़े-बड़े संकट आते गए, वहीं सभी बाधाओं को दूर करते हुए अनेकों-अनेक सृजन भी हुए। नए-नए साहित्य रचे गए, नए अनुसंधान हुये यानि संकट के दौरान में भी हर क्षेत्र में सृजन की प्रक्रिया जारी रही।”

उन्होंने कहा कि इसी साल , देश नए लक्ष्य प्राप्त करेगा, नई उड़ान भरेगा, नई ऊंचाइयों को छुएगा। मुझे 130 करोड़ देशवासियों की शक्ति पर, आप सब पर और देश की महान परंपरा पर पूरा विश्वास है।

–आईएएनएस

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