नई दिल्ली,16 मई:माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विकसित भारत @2047 के सपने के तहत – ‘एक आत्मनिर्भर और सांस्कृतिक रूप से जीवंत भारत’ के लिए नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के उपाध्यक्ष श्री कुलजीत सिंह चहल ने आज नवयुग स्कूल, सरोजिनी नगर, नई दिल्ली में आयोजित 10 दिवसीय “विकसित भारत ग्रीष्मकालीन कला कार्यशाला: कला के माध्यम से खोज, सृजन और विकास” का उद्घाटन किया। यह कार्यशाला 16 से 25 मई तक, पंचतंत्र की कहानियों के विषय पर आधारित हैं और कक्षा 5वीं से 11वीं तक के छात्रों के लिए आयोजित की गई है।
श्री चहल ने आगे कहा कि हमने एनडीएमसी के स्कूली छात्रों को देश के विभिन्न राज्यों की कलाओं से अवगत कराने के लिए देश के कोने-कोने से प्रसिद्ध कलाकारों को आमंत्रित किया है, ताकि हमारे छात्र देश के विभिन्न क्षेत्रों की कलाओं का अनुभव कर सकें और उसे अपने ज्ञान में शामिल कर सकें। इससे भारत के माननीय प्रधानमंत्री – श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के सपने की ओर बढ़ने में एक कदम पूरा होगा।
श्री कुलजीत सिंह चहल ने कहा कि कला एक ऐसी विधा है, जिसकी अपनी सार्वभौमिक भाषा होती है, जिसे हर कोई कहीं भी समझ सकता है। दुनिया की अनेक भाषाएं और उनके अनुभव कला के माध्यम से ही पूरे विश्व में एक समान रूप से समझे जाते हैं। यही कला की सर्वोच्च शक्ति है।
श्री चहल ने कहा कि आज का भारत न केवल विकसित भारत बनने की ओर अग्रसर है, बल्कि एक वीर भारत भी बन रहा है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता इसी वीर भारत का प्रमाण है। इस ऑपरेशन के माध्यम से भारत ने जो वीरता दिखाई है, वह भारत के दुश्मनों के लिए एक सबक है कि वे भारत की ओर आंख उठाकर देखने की हिम्मत न करें। उन्होंने बताया कि छात्रों के लिए इस ग्रीष्मकालीन कार्यशाला में ऑपरेशन सिंदूर भी एक थीम होगी।
इस अवसर पर सभी कलाकारों का परिचय देते हुए श्री चहल ने कहा कि इनमें से कई कलाकार पद्मश्री से सम्मानित हैं और कई अन्य कलाकार अपने क्षेत्र के प्रबुद्ध बुद्धिजीवी हैं। उन्होंने प्रत्येक कलाकार की कला की विशिष्टता को भी रेखांकित किया।
श्री चहल ने घोषणा की कि सरोजिनी नगर स्थित नवयुग स्कूल परिसर में जल्द ही एक आर्ट गैलरी का निर्माण भी किया जाएगा। उन्होंने सीबीएसई कक्षा 10वीं और 12वीं के परिणामों में 100 और 99 प्रतिशत अंक लाने वाले छात्रों को भी सम्मानित भी किया।
एनडीएमसी के सलाहकार (संस्कृति) – श्री हर्षवर्धन ने कहा कि कला रंगों की दुनिया है, जो दुनिया को खुशनुमा बनाती है और हमारे स्वभाव और प्रवृत्ति में ऊर्जा लाती है। रंग हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं, जो तनाव को दूर करने का काम करते हैं। इस कार्यशाला में देश के महान कलाकार बच्चों को कला के विभिन्न रूपों के अपने अनुभव से अवगत कराएंगे ताकि बच्चे रंगों और आकृतियों के माध्यम से कैनवास पर अपनी कल्पनाओं को साकार कर सकें।
एनडीएमसी की निदेशक (शिक्षा) – सुश्री कृतिका चौधरी ने कला कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में बताया कि यह भारत की विविध कलात्मक परंपरा के लिए छात्रों में कलात्मक कौशल और रचनात्मकता को बढ़ावा देने का एक मंच है। उन्होंने कहा कि गर्मियों की छुट्टियों के दौरान एक मजेदार तरीके से कलात्मकता के साथ सीखने के एक प्लेटफार्म के माध्यम से छात्रों को आधुनिक कलात्मक अभिव्यक्तियों और शैलियों से परिचित कराना, इस कला कार्यशाला का उद्देश्य है। इस कार्यशाला में, दस स्कूलों के 120 छात्रों के लिए प्रमुख कलाकारों के साथ दैनिक सत्र, समूह कला परियोजनाएं और व्यक्तिगत पोर्टफोलियो, कला प्रशंसा, कहानी कहने के तत्व और अंतिम दिन प्रदर्शनी जैसी गतिविधियाँ शामिल रहेंगी ।
इस कला कार्यशाला में पदमश्री भज्जू श्याम (मध्य प्रदेश), पदमश्री अद्वैत गडनायक (ओडिसा), पदमश्री बिमान बी दास (नई दिल्ली), पदमश्री जय प्रकाश (राजस्थान), अन्य प्रमुख वरिष्ठ कलाकार – श्री सुरेंद्र जगताप (महाराष्ट्र) श्री अनिल नाइक (महाराष्ट्र), श्री वीरेन तंवर (उत्तर प्रदेश), श्री दत्तात्रेय आप्टे (नई दिल्ली), श्री कल्याण जोशी (राजस्थान), श्री जगन्नाथ पांडा (हरियाणा), श्री नरेंद्र पाल सिंह (नई दिल्ली), श्री कंचन चंदर (नई दिल्ली), श्री मनीष गोंड (हिमाचल प्रदेश) और श्री प्रणाम सिंह (उत्तर प्रदेश) भाग लेंगे।
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