नई दिल्ली: सरकार की तरफ से आवास खाली करने का बुधवार को एक नोटिस भेजे जाने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के करीबी सूत्रों ने कहा है कि वह निर्धारित समय के भीतर आवास खाली कर देंगी। सूत्रों ने कहा, “सरकार ने पहले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) कवर वापस ले लिया था, जो कि सुरक्षा खतरे के कारण जरूरी था, क्योंकि उनके पिता और उनकी दादी (दोनों प्रधानमंत्री) की हत्या कर दी गई थी।”
एक सूत्र ने कहा कि (नरेंद्र) मोदी और योगी (आदित्यनाथ) दोनों के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा और इंदिरा गांधी को भी इन स्थितियों से गुजरना पड़ा था।
सरकार का कहना है कि वह सरकारी आवास पाने की हकदार नहीं हैं। लेकिन कांग्रेस इसे एक बदले के रूप में देखती है, क्योंकि प्रियंका गांधी ने सरकार से लोहा लेना शुरू कर दिया है।
सरकार ने बुधवार को प्रियंका से कहा कि वह 35 लोधी एस्टेट सरकारी आवास को एक महीने के अंदर खाली कर दें, क्योंकि वह अब एसपीजी की सूची में नहीं हैं।
सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि गृह मंत्रालय ने 30 जून के अपने पत्र में सूचित किया है कि प्रियंका गांधी को सीआरपीएफ कवर के साथ ‘जेड प्लस’ सुरक्षा अखिल भारतीय स्तर पर मुहैया कराई गई है, जिसमें सरकारी आवास के आवंटन या उसे बरकरार रखने का कोई प्रावधान नहीं है।
आदेश में कहा गया है, “इसके मद्देनजर वह किसी सरकारी आवास की हकदार नहीं हैं और उनके आवंटन को डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट ने एक महीने के अंदर आवास खाली करने के निर्देश के साथ एक जुलाई, 2020 को रद्द कर दिया है।”
–आईएएनएस
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