नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को सरकारी आवास खाली करने का नोटिस सरकार की ओर से दिए जाने के बाद कांग्रेस ने कहा कि गांधी परिवार ने धमकी की समझ बदली नहीं है। वे अभी भी जेड प्लस सुरक्षा में हैं और सिर्फ सुरक्षा एजेंसी बदली है, पहले एसपीजी थी, अब कोई और एजेंसी है। प्रियंका गांधी को दिल्ली के लोधी एस्टेट स्थित टाइप 6बी बंगलों में 35 नंबर बंगला आवंटित किया गया था।
वरिष्ठ कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “यह सरकार की चालाकी और छल-कपट भरी एक चाल है।”
सिंघवी ने जे.एस. वर्मा कमिटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इसमें कहा गया था कि राजीव गांधी की सुरक्षा वापस लेना गलत था और बाद में उग्रवादियों द्वारा उनकी हत्या कर दी गई।
उन्होंने कहा, “धमकी की वही समझ बनी हुई है और उसमें कोई बदलाव नहीं आया है।”
यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी को लगता है कि वैसा ही आदेश राहुल गांधी के लिए भी आ सकता है, जो ्रे रल के वायनाड से सांसद हैं, इस पर सिंघवी ने कहा, “सरकार जो ओछी चीजें करती है, उस बारे में दूसरा कयास लगाने के लिए हम यहां नहीं बैठे हैं।”
दिल्ली में सांसदों के रहने का इंतजाम करने की जिम्मेदारी हाउसिंग कमिटी की है। इस कमिटी के चेयरमैन के एक करीबी सूत्र ने कहा कि राहुल गांधी को हालांकि जेनरल पूल में एक मकान आवंटित किया गया है।
राहुल गांधी चौथी बार सांसद बने हैं और नियम के मुताबिक वह दिल्ली में रहने का ठिकाना पाने के हकदार हैं। एसपीजी सुरक्षा के हिसाब से उन्हें तुगलक लेन में 12 नंबर बंगला दिया गया है। लेकिन बदले हुए सियासी मंजर में अंदेशा है कि सरकार उन्हें भी बंगला खाली करने के लिए कह सकती है।
सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी का आधा दफ्तर 10, जनपथ में है, जहां पार्टी की अंतरिम प्रमुख व रायबरेली की छठी बार सांसद उनकी मां सोनिया गांधी रहती हैं।
–आईएएनएस
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