इंद्र वशिष्ठ
पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के मामले में एक और आतंकवादी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया है।
पाकिस्तानी आतंकी गिरोह जैश ए मोहम्मद के इस आतंकवादी का नाम मोहम्मद इकबाल (25) निवासी फुतली पुरा, बड़गाम, चरार ए शरीफ़ कश्मीर हैं।
पुलवामा हमले का मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद उमर फारूक अप्रैल 2018 में नेशनल हाईवे के पास स्थित अतंरराष्ट्रीय सीमा से जम्मू भारत में घुसा था।
आतंकवादियों की मदद-
एनआईए की प्रवक्ता डीआईजी सोनिया नारंग ने बताया कि मोहम्मद इकबाल ने मोहम्मद उमर फारूक की आतंकी गतिविधियों के लिए मदद की थी। मोहम्मद उमर फारूक और उसके साथियों ने ही पुलवामा हमले में इस्तेमाल बम बनाया था।
जैश ए मोहम्मद के एक अन्य मामले में मोहम्मद इकबाल सितंबर 2018 से जेल में बंद था।
7 दिन का रिमांड-
राष्ट्रीय जांच एजेंसी को जांच के दौरान मोहम्मद इकबाल के पुलवामा हमले में शामिल होने का पता चला। एनआईए ने इस मामले में मोहम्मद इकबाल को वीरवार को गिरफ्तार कर जम्मू में एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया। एनआईए ने पूछताछ के लिए उसे सात दिन के लिए हिरासत/ रिमांड में लिया है।
पाकिस्तानी आकाओं से लगातार संपर्क-
राष्ट्रीय जांच एजेंसी को शुरुआती जांच के दौरान पता चला कि मोहम्मद इकबाल पाकिस्तान में मौजूद जैश ए मोहम्मद के अपने आकाओं के निरंतर संपर्क में था। सुरक्षित मैसेंजिंग एप्लिकेशन के माध्यम से वह अपने आकाओं से बातचीत करता था।
आतंकवादियों के लिए गाड़ी का इंतजाम-
मोहम्मद इकबाल जैश ए मोहम्मद के आतंकवादियों के लिए वाहन सुविधा उपलब्ध कराने यानी ट्रांसपोर्टेशन माड्यूल के रूप में काम करता था।
मोहम्मद इकबाल की गिरफ्तारी के साथ ही पुलवामा हमला मामले में गिरफ्तार अभियुक्तों की संख्या 6 हो गई है।
40 जवान शहीद-
14 फ़रवरी 2019 को जैश ए मोहम्मद के आत्मघाती आतंकी आदिल मोहम्मद डार ने विस्फोटक से भरी वैन से सीआरपीएफ के काफिले की बस पर हमला किया था। हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
और भी हैं
भारत में पेट्रोलियम की कीमत दुनिया में सबसे कम: केंद्रीय मंत्री
जीआईएस 2025 में आतिथ्य का नया आयाम : भोपाल में पहली बार टेंट सिटी
500 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए यूनिक इनोवेशन की आवश्यकता: मनोहर लाल