नई दिल्ली: बीजेपी सासाद राकेश सिन्हा ने तिब्बत की आजादी पर एक विडिओ जारी करके कहा है कि 1950 के दशक में चीन ने तिब्बत पर हमला किया और अपने सैन्य बल से तिब्बत के लोगो का बड़े पैमाने पर नरसंहार किया। वहां की धर्म संस्कृति, साहित्य,भाषा बोली सबको नष्ट किया। बड़े पैमाने पर बौद्ध सन्यासिओं की हत्याने की। पूरे तिब्बत के मामले में भारत की यह निष्क्रियता भारत के लिए उचित नहीं है।
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तब सरदार पटेल ने नेहरू जी को पत्र लिखकर आगाह किया था लेकिन पंडित नेहरू जी ने इस पर कुछ नहीं किया बल्कि उन्होंने चीन की सेना को चावल की सप्लाई की।यदि उस वक़्त चावल की आपूर्ति नहीं होती तो चीन की सेना तिब्बत में टिक नहीं पाती। राज्य की अपनी सीमायें और कूटनीतिक बाध्यताये होती हैं।
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तिब्बत की लड़ाई राम मनोहर लोहिया, जय प्रकाश नारायण, पंडित दिन दयाल उपाध्याय जैसे नेताओं ने लम्बे समय तक लड़ी। श्री राकेश सिन्हा ने कहा कि आज उस लड़ाई को फिर से जीवित करने की ज़रुरत है।
तिब्बत को हमें बचाना है और चीन की क़ैद से रिहा करना है , आज ग्लोबल यूनिटी की ज़रूरत है, तिब्बत को स्वतंत्र करने की ज़रूरत है।
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