नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए शहर के सारे स्कूलों को 31 जुलाई तक बंद रखने का फैसला किया है। यह निर्णय उपमुख्यमंत्री मनीष सिसादिया की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया, जो शिक्षा विभाग भी देखते हैं। इस बैठक में शिक्षा निदेशक, शिक्षा सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
सिसोदिया ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को इस माह की शुरुआत मे एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने स्कूलों की नई भूमिका को लेकर कदम उठाने की सलाह दी थी।
शुक्रवार की बैठक का उद्देश्य स्कूलों के लिए एक कार्य योजना बनाना था, ताकि जब स्कूल जुलाई के बाद खुले, तो ये पूरी तरह से तैयार हो।
शिक्षा निदेशालय को स्कूलों को खोलने को लेकर अप्रोच में बदलाव के कई सुझाव प्राप्त हुए, जिसके तहत ऑनलाइन क्लास को जारी रखना और अभिभावक की मदद से बच्चों के क्रियाकलापों पर सहमति बनी। सिलेबस में 50 फीसदी की कटौती करने को लेकर भी चर्चा की गई।
सिसोदिया ने कहा, “चलिए स्कूलों को खोलने के लिए इस तरह की योजना बनाते हैं जो नए परिस्थितियों में हमारे छात्रों को तैयार करे और उन्हें डराए नहीं। यह हमारे छात्रों को कोरोना के साथ जिंदगी जीना सिखाएगा।”
एक अन्य सुझाव यह भी दिया गया कि प्राइमरी कक्षाओं को सप्ताह में एक या दो बार केवल 12-15 छात्रों के साथ आयोजित किया जाए।
इसी तरह से, शिक्षा मंत्री को यह सुझाव दिया गया कि कक्षाओं को सप्ताह में एक या दो बार कम समूहों में आयोजित किया जाना चाहिए।कुछ सदस्यों को मानना था कि कक्षा 10 के छात्रों के लिए हर दिन कक्षाएं आयोजित की जानी चाहिए।
यह भी सुझाव दिया गया कि कक्षा 11 व 12 को एक दिन छोड़कर आयोजित किया जाना चाहिए और बचे दिनों में ऑनलाइन कक्षाओं को चलाना चाहिए।
–आईएएनएस
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