हैदराबाद: पूर्वी लद्दाख में सोमवार की रात चीनी सेना से हुई झड़प में शहीद हुए कर्नल बी. संतोष बाबू की मां ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके बेटे ने देश की खातिर सर्वोच्च बलिदान दिया। कमांडिंग ऑफिसर संतोष बाबू तेलंगाना के सूर्यपेट जिले के रहने वाले थे। बाबू और अन्य दो भारतीय जवान गलवान घाटी में भारत व चीनी सेना के बीच हुई झड़प में शहीद हो गए थे। दोनों देशों की सेनाएं पिछले कुछ समय से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास आमने-सामने हैं।
Salute to u Amma🙏❤#manjula Garu about her son #santoshBabu (indian army colonel ) who matryed today with other indian soldiers in indo-China border. Rip🙏 @Team_svss @PMOIndia @narendramodi @adgpi @KTRTRS @DRDO_India @IAF_MCC pic.twitter.com/SPl2WIim8W
— Sai Prakash Reddy (@Sai_Prakash_007) June 16, 2020
संतोष बाबू की मां मंजुला ने कहा, “मुझे दुख भी है और साथ ही मैं गर्वित भी हूं। मेरे बेटे ने देश के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया है। एक मां के रूप में मैं दुखी हूं। वह मेरा इकलौता बेटा था।”
संतोष अपने पीछे पत्नी, नौ साल की बेटी और चार साल के बेटे को छोड़कर गए हैं।
मंगलवार दोपहर बेटे के शहीद होने की खबर सुनकर उनके माता-पिता को विश्वास ही नहीं हुआ और वे स्तब्ध रह गए।
मंजुला ने कहा, “हमारी बहू दिल्ली में है और उसे कल रात सूचित किया गया था। हमें दोपहर में खबर मिली।”
संतोष के पिता उपेंद्र सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी हैं। उन्होंने कहा, “हम विश्वास करने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन कहा गया कि यह सच है। हमने अपना बेटा खो दिया है।”
उन्होंने याद किया कि संतोष छठी कक्षा में सैनिक स्कूल में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा, मैं सेना में सेवा करना चाहता था, लेकिन मैं अपना यह लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया। मुझे अपने बेटे के माध्यम से अपने सपने को पूरा किया। वह बहुत प्रतिभाशाली था और उसे 15 साल की सेवा में कई पदोन्नति मिली।
संतोष 16 बिहार रेजिमेंट में थे और पिछले डेढ़ साल से भारत-चीन सीमा पर तैनात थे। उन्होंने अपने माता-पिता से कहा था कि उन्हें जल्द ही हैदराबाद स्थानांतरित कर दिया जाएगा, लेकिन कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति के कारण इस प्रक्रिया में देरी हुई।
मंजुला ने कहा, “मैंने आखिरी बार उससे रविवार रात को बात की थी। मैंने उससे बातचीत के बाद दोनों सेनाओं के वापस आने की खबरों के बारे में पूछा। उसने मुझसे कहा कि मुझे इन खबरों पर विश्वास नहीं करना चाहिए, क्योंकि बातचीत अलग है और जमीनी हकीकत अलग है। उसने कहा कि स्थिति गंभीर है। मैंने उसे उसका ख्याल रखने के लिए कहा था।”
–आईएएनएस
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